RCB: पिछले महीने चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में हुए भगदड़ मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. कर्नाटक सरकार ने RCB और राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ आपराधिक मामला दायर करने की मंजूरी दे दी है.
कर्नाटक सरकार की मंत्रिमंडल की बैठक में जस्टिस माइकल डी कुन्हा आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद यह फैसला लिया गया है. इस आयोग ने जांच के दौरान आरसीबी और केएससीए में कई अनियमितताओं और गड़बड़ियों का खुलासा किया.
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को 11 जुलाई को न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी), कार्यक्रम आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट और बेंगलुरु पुलिस 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं.
डी कुन्हा आयोग को इस मामले की जांच के लिए एक महीने का समय दिया गया था. जांच के दौरान आयोग ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. प्रत्यक्षदर्शियों, पुलिस अधिकारियों, केएससीए अधिकारियों और सरकारी प्रतिनिधियों के बयान दर्ज किए. इस दौरान पैनल ने पाया कि सुरक्षा व्यवस्था में भारी कमी थी. स्टेडियम के अंदर सिर्फ 79 पुलिसकर्मी तैनात थे, बाहर पुलिस की कोई तैनाती नहीं थी. मौके पर कोई एम्बुलेंस भी नहीं था.
गुरुवार (17 जुलाई 2025) को कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु भगदड़ के लिए सीधे तौर पर आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया. हाई कोर्ट को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में सरकार ने कई खामियों की ओर इशारा किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आरसीबी, डीएनए और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) प्रभावी समन्वय में असफल रहे.
रिपोर्ट में कहा गया कि एंट्री गेट पर कराब व्यवस्था, गेट खोलने में देरी के कारण अव्यवस्था फैल गई, जिस कारण से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और सात पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. जांच से पता चला कि प्रमुख अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई नहीं की. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शाम 4 बजे घटनास्थल पर पहुंचे, जबकि पुलिस कमिश्नर को घटना की जानकारी शाम 5:30 बजे तक नहीं दी गई.