Wonsan Kalma Resort : उत्तर कोरिया ने अपने नवनिर्मित वॉन्सन-काल्मा बीच रिजॉर्ट में विदेशी पर्यटकों की एंट्री पर रोक लगा दी है. खास बात ये है कि इसे कुछ दिनों पहले ही देश के नागरिकों के लिए खोला गया था. इस दौरान कुछ रूसी पर्यटकों को भी यहा लाया गया था. लेकिन अब आधिकारिक पर्यटन वेबसाइट डीपीआर कोरिया टूर ने घोषणा की है कि यह स्थान अस्थायी रूप से विदेशी पर्यटकों के लिए बंद है.
बता दें कि ये वही रिजॉर्ट है जिसे तानाशाह किम जोंग उन ने इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया था. वहीं, इस पाबंदी की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसी रिजॉर्ट में उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री और किम जोंग उन से मुलाकात की थी. हालांकि इस दौरान लावरोव ने वादा किया था कि रूस पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करेगा. यहां तक की उन्होंने ये भी कहा था कि रूसी पर्यटक निश्चित ही यहां आने के लिए उत्साहित होंगे.
रूसी पत्रकार की रिपोर्ट से बढ़ी उत्तर कोरिया की चिंता
ऐसे में जानकारों का मानना है कि यह पाबंदी उस रूसी पत्रकार की रिपोर्ट के बाद आई है, जो लावरोव के साथ उत्तर कोरिया गया था. दरअसल, रिपोर्ट में संकेत दिया गया था कि रिजॉर्ट में घूमने वाले उत्तर कोरियाई लोग वास्तविक पर्यटक नहीं थे, बल्कि उन्हें सरकार ने दिखावे के लिए भेजा था. रूसी प्रत्रकार के इस रिपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर कोरिया की छवि को नुकसान हो सकता है और यही वजह है कि उत्तर कोरियाई सरकार ने विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी है.
महंगे निर्माण के बाद आर्थिक दबाव में उत्तर कोरिया
बता दें कि उत्तर कोरिया ने रिजॉर्ट को बनाने में भारी खर्च किया है. वॉन्सन-काल्मा परियोजना देश की सबसे बड़ी पर्यटन योजनाओं में से एक मानी जाती है. वहीं, दक्षिण कोरिया के थिंक टैंक वर्ल्ड इंस्टिट्यूट फॉर नॉर्थ कोरियन स्टडीज के प्रमुख आन चान-इल के मुताबिक, यदि उत्तर कोरिया विदेशी पर्यटकों को यहां आने नहीं देगा, तो उसे आर्थिक घाटा सहना पड़ेगा. इसके अलावा, विदेशी मुद्राओं जैसे- रूबल, युआन और डॉलर की आमद न होने पर सरकार को रिजॉर्ट बंद भी करना पड़ सकता है.
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