केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) ने संसद में बताया कि गुजरात में पिछले पांच सोलों में 37,56,390 नए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) का रजिस्ट्रेशन हुआ है. राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, करंदलाजे ने बताया कि इसी अवधि के दौरान राज्य में 8,779 MSME बंद हो गए. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई 2020 से 15 जुलाई 2025 तक गुजरात में कुल 8,779 एमएसएमई और आंध्र प्रदेश में कुल 2,892 एमएसएमई बंद हो चुके हैं, जबकि इसी अवधि में गुजरात और आंध्र प्रदेश में एमएसएमई के नए रजिस्ट्रेशन की संख्या क्रमशः 37,56,390 और 33,78,109 है.” उन्होंने देश में एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा की गई कई पहलों पर भी प्रकाश डाला. MSME के तहत 34 करोड़ लोगों को रोज़गार मिले हैं.
भारत में (6 करोड़ को पार कर गई है MSME की संख्या
इस बीच, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने राज्यसभा में बताया कि 2014 से उद्यम और उद्यम सहायता पोर्टल के माध्यम से एमएसएमई में 34 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. उच्च सदन में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय MSME मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में धन या श्रमिकों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने मोचियों जैसे पारंपरिक कामगारों का भी उदाहरण दिया, जिन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता मिली है. उन्होंने कहा कि भारत में MSME की संख्या 6 करोड़ को पार कर गई है.
उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र को दिया जाने वाला ऋण एक दशक पहले के 12 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 30 लाख करोड़ रुपए हो गया है. अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि एमएसएमई ऋणों के लिए गारंटी कवर दोगुना कर 20 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा. सरकार कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 5 लाख रुपए की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड भी शुरू करने की योजना बना रही है.