भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्यातक कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने FY25 में 3.3 लाख से अधिक इकाइयों का निर्यात किया, जो किसी भी वित्तीय वर्ष में अब तक का सबसे अधिक निर्यात है. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 17.5% की वृद्धि दर्शाता है. इस बीच, इस अवधि के दौरान देश का कुल ऑटोमोबाइल निर्यात 19% बढ़कर 53 लाख इकाइयों से अधिक हो गया.
चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) की पहली तिमाही में, भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात सालाना आधार पर 22% बढ़कर लगभग 14.57 लाख इकाई हो गया. इसके अलावा, कंपनी के मुताबिक, फ्रॉन्क्स ने केवल 25 महीनों में 1 लाख इकाइयों का निर्यात करने वाली भारत की पहली एसयूवी का दर्जा हासिल किया. इनमें से 69,000 इकाइयां FY25 में विदेशों में भेजी गईं. मारुति के अत्याधुनिक गुजरात संयंत्र में निर्मित फ्रॉन्क्स, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और अफ्रीका सहित विदेशी बाजारों में पहुंच चुकी है.
80 से अधिक देशों में किया जाता है मेड इन इंडिया एसयूवी का निर्यात
मेड इन इंडिया एसयूवी का निर्यात 80 से अधिक देशों में किया जाता है. इसके अलावा, जापान में फ्रॉन्क्स की सफलता इसकी बढ़ती बिक्री में महत्वपूर्ण रही है. मारुति सुजुकी पिछले चार लगातार वित्तीय वर्षों से भारत से सबसे अधिक निर्यात के साथ अग्रणी यात्री वाहन (PV) निर्यातक रही है. भारत से पीवी निर्यात में इसकी हिस्सेदारी FY26 की पहली तिमाही में 47% के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जिसमें 96,000 से अधिक वाहनों का निर्यात किया गया.
मारुति सुजुकी करीब 100 देशों में 17 मॉडल करती है निर्यात
वर्तमान में, मारुति सुजुकी करीब 100 देशों में 17 मॉडल निर्यात करती है, और इसके प्रमुख गंतव्य दक्षिण अफ्रीका, जापान और सऊदी अरब हैं. मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची (Hisashi Takeuchi) ने कहा, वैश्विक बाजारों के लिए विश्वस्तरीय वाहन बनाने की कंपनी की क्षमता मेक इन इंडिया पहल के सच्चे सार का उदाहरण है. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों पर हमारे नए सिरे से फोकस ने यात्री वाहन निर्यात में सुजुकी के निरंतर नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
फ्रॉन्क्स दुनिया भर के ग्राहकों को कर रहा है खुश
उन्होंने बताया, फ्रॉन्क्स दुनिया भर के ग्राहकों को खुश कर रहा है. सबसे तेज़ 1 लाख निर्यात के अलावा, फ्रॉन्क्स FY24-25 में भारत का नंबर 1 निर्यातित यात्री वाहन भी था. ऑटोमोबाइल क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7.1% और इसके कुल निर्यात में लगभग 8% का योगदान देता है.