America-Pakistan Deal: ट्रंप का एक फैसला अमेरिका को कितना बर्बाद कर सकता है. शायद इस बात का अंदाजा डोनाल्ड ट्रंप का फैसला अमेरिका को कितना नुकसान करवा सकता है, इसका अंदाजा अमेरिकी राष्ट्रपति को खुद भी नहीं है, क्योंकि यदि उन्हें पता होता तो वो पाकिस्तान से व्यापार बढ़ाने की उम्मीद नहीं करते. लेकिन अब ट्रंप ऐलान कर चुके हैं. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तेल डील से सबसे ज्यादा बलूचिस्तान के लोग भड़के हैं.
दरअसल, दोनों देशों के बीच इस कथित डील का मकसद पाकिस्तान के अंदर मौजूद आपार प्राकृतृक संसाधनों खासकर तेल, गैस और दुर्लभ खनिज का दोहन करना है और वो सब कुछ बलूचिस्तान में है, जिसकी अमेरिका को आपूर्ति की जाएगी. ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये संसाधन वास्तव में पाकिस्तान के अंदर मौजूद है या ये उस बलूचिस्तान के हैं जो दशकों से अपनी आजादी की लड़ाई के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
ट्रंप के ऐलान के बाद भड़का बलूचिस्तान
इसी बीच बलूचिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को ऐसी धमकी दी है, जिसे सुनने के बाद सभी हैरान है. इस दौरान उन्होंने भारत का साथ देते हुए डोनाल्ड ट्रंप को सरेआम जलील किया है. दरअसल, पाकिस्तान के साथ मिलकर तेल का विशाल भंड़ार बनाने और नैचुरल रिसोर्स की माइनिंग के ट्रंप के ऐलान के बाद ही बलूचिस्तान भड़क गया.
पाकिस्तान का नहीं बलूचिस्तान
बलूच एक्टिविस्ट मीर यार बलोच ने कहा कि तेल और खनिज भंडारों के मामले में ट्रंप की जानकारी बिल्कुल सही है. लेकिन शायद वो ये नहीं जानते है कि ये तेल और प्राकृतिक संसाधन तेल, नैचुरल गैस, कॉपर, लिथियम, अल्युम्युनियम और रेयर अर्थ मेटल पाकिस्तान के नहीं बल्कि बलूचिस्तान के हैं, और बलूचिस्तान पाकिस्तान का नहीं है. हम अपना ये खजाना डोनाल्ड ट्रंप को तो कतई नहीं लेने देंगे.
बलूचिस्तान में नहीं घुस सकता कोई देश
बलूच नेता ने कहा कि हम अमेरिका, पाकिस्तान और चीन जैसे किसी भी देश को बलूचिस्तान में घुसने नहीं देंगे. जिस तरह से चीन और पाकिस्तान पिट रहे हैं उसी तरह से अमेरिका भी पिटेगा.
दरअसल, इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच एक नया व्यापार समझौता हुआ है, जिसे पाकिस्तान ने ऐतिहासिक करार दिया है. इसके साथ ही उसने ट्रंप को इसके लिए धन्यवाद भी दिया है. इस दौरान पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि यह ढील दोनों देशों की साझेदारी को नए मुकाम तक ले जाएगी. वहीं, ट्रंप ने इसे पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार को मिलकर विकसित करने की दिशा में एक बड़ी शुरुआत बताया है.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को मिलकर विकसित करेंगे. हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में है जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी. उन्होंने कहा कि कौन जाने, शायद एक दिन वे भारत को तेल बेचें. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ये भंडार कहां स्थित है?