Russia-Ukraine War : एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकवाने की कोशिशों को बड़ा झटका लग सकता है. बता दें कि चार साल से लगातार दोनों देशों के बीच युद्ध में पहली बार यूक्रेन ने रूस की किसी पनडुब्बी को निशाना बनाया है. विशेष बात यह है कि ब्लैक सी के एक बंदरगाह पर खड़ी इस पनडुब्बी पर यूक्रेन ने अंडरवाटर ड्रोन से हमला किया.
यूक्रेनी खुफिया एजेंसी ने इस हमले को अंजाम दिया है और हमले के बाद एक वीडियो भी जारी किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक सी (काला सागर) में रूस के नोवोरोसिस्यक बंदरगाह पर खड़ी वरसा व्यांका (किलो) क्लास की इस सबमरीन को निशाना बनाया गया है.
जंग के दौरान पनडुब्बी को बनाया निशाना
बता दें कि वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि नोवोरोसिस्यक बंदरगाह पर एक पनडुब्बी के साथ-साथ कम से कम आधा दर्जन जंगी जहाज और बोट्स में खड़े हैं. तभी पनडुब्बी में एक जोरदार धमाका होता है. इसे लेकर यूक्रेन ने दावा करते हुए कहा कि हमले से पनडुब्बी और उसकी मिसाइलों को निष्क्रिय कर दिया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आखिरी बार, 1971 के भारत-पाकिस्तान जंग में विशाखापट्टनम बंदरगाह (आंध्र प्रदेश) के करीब बंगाल की खाड़ी में आईएनएस गाजी नाम की सबमरीन तबाह हुई थी. बता दें कि पाक की ये पनडुब्बी, विशाखापट्टनम में खड़े भारतीय युद्धपोतों को निशाना बनाने के इरादे से आई थी, लेकिन नाकाम रहा.
यूक्रेन के अंडरवाटर ड्रोन हमले में नही पहुंचा कोई नुकसान
जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के दावे के बाद रूस के रक्षा मंत्रालय ने पनडुब्बी के निष्क्रिय होने की खबरों को सरासर गलत बताया. इस दौरान रूस की ब्लैक सी फ्लीट के हवाले से रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के अंडरवाटर ड्रोन हमले में किसी भी पनडुब्बी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. इसके साथ ही जंग के शुरुआती हफ्तों में यूक्रेन ने रूस के मोस्कावा जहाज को मिसाइल अटैक के जरिए ब्लैक सी में तबाह कर दिया था. बता दें कि इस हमले में जहाज पर तैनात कई रूसी नौसैनिकों की भी जान चली गई थी.
रूसी पनडुब्बी पर हमले से भड़क सकती है जंग
इस हमले को लेकर मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि यूक्रेन ने रूसी पनडुब्बी को ऐसे समय में निशाना बनाया है, जब बर्लिन में दो दिवसीय शांति वार्ता का आयोजन किया गया था. इस बैठक में यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. बता दें कि बैठक के बाद ट्रंप ने जेलेंस्की से फोन पर बात कर युद्ध रोकने पर चर्चा की. जानकारी के मुताबिक, रूसी पनडुब्बी पर हमले से जंग की आग एक बार फिर भड़क सकती है.
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