Rice Fortification: भारत ने नेपाल में चावल की गुणवत्ता बढ़ाने और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के लिए नई पहल की शुरुआत की है, जिससे राइस फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम को मदद मिलेगी. यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र खाद्य कार्यक्रम की मदद से चलाए जाएगे. बता दें कि इस पहल की शुरुआतविदेश मंत्रालय की ओर से एक अगस्त से शुरू की गई थी, जो भारत-संयुक्त राष्ट्र वैश्विक क्षमता निर्माण पहल का हिस्सा है.
दरअसल, काठमांडो स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, नेपाल में यह परियोजना भारत की सफल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान को सुगम बनाकर नेपाल की फोर्टिफाइड राइस आपूर्ति शृंखला, विशेष रूप से खरीद प्रक्रियाओं, डाटा संग्रह व कुशल कार्यबल में मौजूद कमियों को दूर करेगी.
परियोजना में शामिल होगी ये प्रणाली
यह परियोजना नेपाल के हितधारकों को कुशल खाद्य आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने में भारत के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करती है. इस पहल के फोकस क्षेत्रों में लाभार्थी प्रबंधन, भंडारण एवं वितरण मॉडल, निगरानी एवं मूल्यांकन प्रणाली और शिकायत निवारण तंत्र शामिल हैं.
तीन चरणों में क्रियान्वित होगी परियोजना
बता दें कि यह परियोजना 12 महीनों के लिए तीन चरणों में क्रियान्वित की जाएगी. इसका पहला चरण आवश्यकताओं के आकलन और हितधारकों की सहभागिता पर केंद्रित होगा. दूसरे चरण में नेपाली अधिकारियों के लिए भारत का एक अध्ययन दौरा शामिल होगा, जिसमें व्यावहारिक प्रदर्शन व विशेषज्ञ ब्रीफिंग शामिल होगी. इसके अलावा, तीसरा और अंतिम चरण एक कार्य योजना के विकास पर केंद्रित होगा.
परियोजना का प्रशिक्षण घटक भारत सरकार के भारतीय तकनीकी व आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा. इससे पहले, आईटीईसी कार्यक्रम के तहत 2001 से अब तक 3,000 से अधिक नेपाली अधिकारियों ने भारत में प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
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