भारत-चीन के संबंधों में सकारात्‍मक संकेत, नई दिल्‍ली को रेयर अर्थ मटेरियल, फर्टिलाइजर और सुरंग खोदने वाली मशीनों की आपूर्ति के लिए बीजिंग तैयार

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India China Relations:  भारत और चीन के संबंधों में लंबे समय बाद मधुरता का संकेत नजर आने लगा है. दरअसल, चीन ने भारत को उसकी प्रमुख व्यापारिक चिंताओं, खासकर  रेयर अर्थ और फर्टिलाइजर के आयात से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है.

सूत्रों के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने डॉ. एस जयशंकर से कहा कि बीजिंग भारत की तीन प्रमुख चिंताओं रेयर अर्थ, फर्टिलाइजर और सुरंग खोदने वाली मशीनों का समाधान कर रहा है. बता दें कि एस जयशंकर ने पिछले महीने अपनी चीन यात्रा के दौरान वांग यी के साथ यूरिया, एनपीके और डीएपी, दुर्लभ मृदा खनिजों और टीबीएम की आपूर्ति का मुद्दा उठाया था.

रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर चीन ने चीन ने लगाया प्रतिबंध

 बता दें कि चीन ने अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के जवाब में रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और व्यापार युद्ध में इस वस्तु का इस्तेमाल सौदेबाजी के तौर पर कर रहा है.  इसका असर उन अन्य देशों पर भी पड़ा है, जो चीनी आयात पर निर्भर हैं. दरअसल, रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल कई तरह की हाई-टेक एप्लीकेशन में किया जाता है, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक सामान और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर बड़े पैमाने के औद्योगिक उपकरण शामिल हैं.

पीएम मोदी से भी मिलेंगे वांग यी

दरअसल, चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. इस दौरान वो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की वार्ता का एक नया दौर आयोजित करेंगे. इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचना आवश्‍यक

चीनी विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि वांग यी की भारत यात्रा दोनों देशों को पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए मिलकर काम करने में मदद करेगी. अपने उद्घाटन भाषण में, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के कई पहलू और आयाम हैं. इस संदर्भ में यह भी आवश्यक है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए.

सुधारित बहुपक्षवाद आज की जरूरत: जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि “जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं तो यह स्वाभाविक है कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा होगी. हम एक निष्पक्ष, संतुलित और मल्टी-पोलर विश्व व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें मल्टी-पोलर एशिया भी शामिल हो. सुधारित बहुपक्षवाद भी आज की जरूरत है.  वर्तमान परिवेश में, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और उसे बढ़ाना भी स्पष्ट रूप से जरूरी है.  आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई एक और प्रमुख प्राथमिकता है.  मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं.”

जयशंकर ने साफ किया भारत का रुख

वहीं, ताइवान को लेकर भारत का रूख स्‍पष्‍ट करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ताइवान पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और दुनिया की तरह भारत भी आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के लिए राजनयिक उपस्थिति बनाए रखेगा. इस दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि वाशिंगटन की मौजूदा नीतियों के कारण उन्हें करीब आने की जरूरत है.

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