पीएम मोदी बिहार में औंटा-सिमरिया पुल परियोजना का करेंगे उद्घाटन, कनेक्टिविटी और होगी बेहतर

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Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर 1.865  किलोमीटर लंबे औंटा-सिमरिया पुल परियोजना का उद्घाटन करेंगे. राज्य की बहुप्रतीक्षित इस परियोजना के तहत गंगा नदी पर 1.865 किलोमीटर लंबा 6-लेन का नया पुल बनाया गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 1,870 करोड़ रुपये से अधिक है. यह पुल पटना जिले के मोकामा को बेगूसराय से सीधी और तेज रफ्तार कनेक्टिविटी देगा. नया पुल पुराने राजेंद्र सेतु के समान बनाया गया है, जो करीब सात दशक पुराना है और मरम्मत के चलते भारी वाहनों के लिए लगभग बंद है.

पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी

पटना जिले के मोकामा को बेगूसराय से जोड़ने वाली यह परियोजना उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो सात दशक पुराने राजेंद्र सेतु का विकल्प प्रदान करेगी. महत्त्वपूर्ण एनएच-31 कॉरिडॉर पर स्थित, यह पुल 4लेन/6लेन औंटा (मोकामा)-सिमरिया (बेगुसराय) खड्याचा केंद्र बिंदु बना है. इसका महत्व सिर्फ इसकी इंजीनियरिंग शक्ति में नहीं है, बल्कि बिहार के लिए कनेक्टिविटी और विकास के वादे में भी है.

नये पुल का महत्‍व

पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय के लोगों के लिए, इस नये पुल का महत्‍व बहुत अधिक है, यह आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ ही आजीविका और बाजारों को एक साथ जोड़ता है. भारी वाहन, जो पहले लंबे और घुमावदार रास्तों से गुजरते थे, अब निर्बाध पारगमन कर सकेंगे. इस कनेक्टिविटी से उत्तर बिहार क्षेत्रों (जैसे बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी और अररिया) और दक्षिण बिहार के गंतव्यों (पटना, शेखपुरा, नवादा और लखीसराय सहित) के बीच उनकी यात्रा की दूरी100 किमी तक कम हो जाएगी.

परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत

नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सदस्य, अनिल चौधरी ने कहा कि इस परियोजना से भारी वाहनों के लिए यात्रा आसान और तेज़ हो जाएगी, जिससे ईंधन और वाहन संचालन लागत में बचत होगी. इस परियोजना की आधारशिला 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी, जिससे बिहार में कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास को समर्थन देने की एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत हुई.

राज्य को मिलेगी आर्थिक मदद

इस ब्रिज से उत्तर बिहार, जिसमें मधुबनी, बेगूसराय, सुपौल, अररिया शामिले हैं और दक्षिण बिहार, जिसमें पटना, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय आदि) के बीच कनेक्टिविटी तेज होने के साथ-साथ आसान बनेगी. इससे फ्यूल और परिचालन लागत में भी बचत होगी. इसके अलावा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को स्पीड मिलेगी.

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