ISS: भारत 2040 तक चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यात्री उतारेगा. इस बात की घोषणा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यह ऐतिहासिक मिशन देश की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जो इसरो की मानव अंतरिक्ष उड़ान और चंद्र अन्वेषण की दीर्घकालिक योजना के अनुरूप होगा.
डॉ. सिंह ने भारत के वर्तमान अंतरिक्ष अभियानों और अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण पहलों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि बाहरी अभियानों के लिए चुने गए लोगों की तैयारी कैसे की जाती है. डॉ. सिंह ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की एक्सिओम-4 में भागीदारी का उल्लेख करते हुए अभियान से पहले की गई गहन तैयारी पर प्रकाश डाला.
ऐतिहासिक रूप से अकल्पनीय अंतरिक्ष सुधार
अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने मिशन के दौरान किए गए तीन स्वदेशी प्रयोगों का भी जिक्र किया और बताया कि ये अन्वेषण पृथ्वी के जीवन चक्र अनुसंधान के साथ-साथ अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. व्यापक अंतरिक्ष सुधारों पर बोलते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन ने एक नए युग की शुरुआत की और अंतरिक्ष उद्योग के विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति दी. ऐतिहासिक रूप से अकल्पनीय अंतरिक्ष सुधार अब लागू किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप उद्योग का तीव्र विस्तार हुआ है.
चंद्रमा पर पानी मौजूद
डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि सुधारों से प्रेरित पारिस्थितिकी तंत्र के तहत 300 से ज्यादा अंतरिक्ष स्टार्टअप स्थापित किए गए हैं. उन्होंने चंद्रयान की उपलब्धियों का भी जिक्र किया और इसे भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया और चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि की.
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