Bejing: चीन ने नेपाल की नई अंतरिम PM सुशीला कार्की का स्वागत करते हुए बधाई दी है. चीन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि चीन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया था.
नेपाल और चीन के बीच पुरानी और गहरी मित्रता
विदेश मंत्रालय के बयान में बताया गया है कि ‘नेपाल और चीन के बीच पुरानी और गहरी मित्रता है और बीजिंग हमेशा काठमांडू के फैसलों का सम्मान करता है. 73 वर्षीय सुशीला कार्की ने शुक्रवार को शपथ ली थी.’ इससे पहले नेपाल में एक हफ्ते तक हिंसक विरोध- प्रदर्शन चले थे, जिनके बाद उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया.
चीन मैडम कार्की को प्रधानमंत्री बनने पर देता है बधाई
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘चीन मैडम सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देता है. चीन और नेपाल के बीच पुरानी मित्रता है और हम नेपाल के लोगों के फैसले का सम्मान करते हैं.’ प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा कि‘चीन नेपाल के साथ शांतिपूर्ण सह- अस्तित्व के पांच सिद्धांतों पर काम करने, विभिन्न क्षेत्रों में आदान- प्रदान और सहयोग को बढ़ाने तथा द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने के लिए तैयार है.
नेपाल में इस बदलाव पर कई देशों की नजर
दरअसल, नेपाल में इस बदलाव पर कई देशों की नजर है. भारत ने तो सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन चीन ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया था. इस पर लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. बताया जा रहा था कि चीन ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपना रहा है. नेपाल में चीन ने सड़क, बिजली और रेल परियोजनाओं में भारी निवेश किया है, इसलिए बीजिंग का अगला कदम अहम होगा. हालांकि, चीन ने जैसे ही नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को बधाई दी वैसे ही सारे दावे अपने आप खत्म हो गए.
चीन की आर्थिक मौजूदगी को नजरअंदाज करना नहीं होगा आसान
भारत- चीन का संतुलन, कार्की का भारत के प्रति नरम रुख साफ संकेत देता है कि वे दिल्ली के साथ रिश्ते सुधारना चाहती हैं, लेकिन चीन की आर्थिक मौजूदगी को नजरअंदाज करना उनके लिए आसान नहीं होगा. आने वाले महीनों में नेपाल की विदेश नीति में यह संतुलन सबसे अहम होगा.
इसे भी पढ़ें. कुर्सी संभालते ही पीएम कार्की का बड़ा फैसला, Gen-Z प्रदर्शन में मारे गए लोगों का शहीदों…