जंग में बंदूक-तोप ही नहीं, रोबोट और AI भी बनें बड़े हथियार, खतरों की पहचान कर उनका खात्मा करने सक्षम

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Future War AI Robotics: आज के समय में जंग सिर्फ बंदूक और तोप के जरिए नहीं लड़ा जा रहा है, बल्कि इस नए दौर की बढ़ती नई टेक्‍नोलॉजी, डेटा और स्मार्ट मशीनें भी बड़ी हथियार बन चुकी है और इसमें सबसे महत्‍वपूर्ण मानी जा रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स.

AI और रोबोटिक्स आने वाले समय में खतरों को पहचानने, खुफिया जानकारी प्राप्‍त करने, सैनिकों की सुरक्षा बढ़ाने और तेजी से फैसले लेने में मदद करेंगे. दरअसल, AI कैमरा, रडार, सैटेलाइट और सिग्नल डेटा को जल्दी समझ कर खतरों की पहचान करता है. इससे सैनिकों को पूरे इलाके की सही जानकारी मिलती है, जिससे फैसले लेने में जल्‍दी और आसानी से लिए जा सकते है.

खुद लक्ष्य को पहचानने और हमला करने में सक्षम

AI इंसानों की अपेक्षा तेज और एकदम सही निर्णय ले सकती है. ड्रोन और रोबोट खुद लक्ष्य पहचान और हमला कर सकते हैं. खास बात ये है कि ये ड्रोन बिना पायलट के उड़ सकते हैं, और दुश्मन की हर गतिविधि को तुरंत पहचान सकते हैं.

युद्ध में रोबोटिक्स का महत्व

रोबोटिक्स युद्ध में सैनिकों की मदद और सुरक्षा के लिए काम आते हैं. ये रोबोट खतरनाक जगहों में जाकर आसानी से खुफिया जानकारी इक्‍ट्ठा कर सकते है और घायल सैनिकों की भी मदद भी कर सकते हैं. बता दें कि ये पानी और जमीन दोनों पर काम करने में सक्षम होते है.

भविष्य के युद्ध में फायदे

AI कैमरा, रडार, सैटेलाइट और सिग्नल डेटा को तेजी से समझ कर खतरो की पहचान कर सैनिकों की सुरक्षा कर सकते है. ये समझ के साथ ही निर्णय लेने में भी काफी फास्‍ट होते है. इनके जरिए खतरनाक काम किए जा सकते है. AI डेटा का सही इस्तेमाल करके बड़ी मात्रा में जानकारी को देखकर बेहतर रणनीति बना सकता है. इनके द्वारा बिना रुके किसी भी काम को अंजाम दिया जा सकता है.

युद्ध में रोबोटिक्स का खतरा और चुनौतियां

हालांकि एक ओर जहां AI और रोबोटिक्स से युद्ध में फायदा होता है, जो वहीं इससे जरिए कुछ खतरे भी हो सकते है. जैसे गलत जानकारी पर एक्‍शन लेना, हैकर द्वारा इसे हैक किया जाना आदि. वहीं, यदि इंसान और मशीनें मिलकर काम करेंगे तो सफलता पाने की संभावना और भी बढ़ सकती है और युद्ध भी काफी आसान हो सकता है. सैनिक AI और रोबोटिक्स की मदद से तेज, स्मार्ट और सुरक्षित तरीके से मिशन को पूरा कर सकेंगे. ऐसे में जरूरी है कि सभी देश इस तकनीक में काम करें और इसे सही तरीके से इस्तेमाल करें.

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