UNSC से भारत की अपील-आतंकियों को अफगान क्षेत्र का उपयोग न करने दें!

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United Nations: भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है. लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अन्य आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान की धरती का दुरुपयोग न कर सकें, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यह सुनिश्चित करे. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने बुधवार को सुरक्षा परिषद में यह बयान दिया.

आतंकी गतिविधियों के लिए न करें इस्तेमाल

पी. हरीश ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित संगठन और व्यक्ति जैसे इस्लामिक स्टेटए अल-कायदा और उनके सहयोगी लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद, उनके समर्थक, अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न करें. हरीश ने आगे कहा कि भारत, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट द्वारा पहलगाम में किए गए आतंकी हमले की कड़ी निंदा का स्वागत करता है, जिसमें 26 नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर मारा गया था.

चरमपंथी समूहों की उपस्थिति अफगानिस्तान के लिए एक समस्या

अफगानिस्तान के लिए महासचिव की विशेष प्रतिनिधि रोजा ओटुनबायेवा ने चेतावनी दी कि बड़े पैमाने पर सशस्त्र संघर्ष और हिंसा में उल्लेखनीय गिरावट के बावजूद चरमपंथी समूहों की उपस्थिति अफगानिस्तान के लिए एक समस्या है. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) पर परिषद की चर्चा के दौरान ओटुनबायेवा ने पहले ही अपनी बात रखी थी. 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और भारत सहित ज्यादातर देशों ने इसे मान्यता नहीं दी है.

अफगानिस्तान के प्रति एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता

हरीश ने कहा कि अफगानिस्तान के प्रति एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है. संघर्ष के बाद की स्थिति से निपटने के लिए किसी भी सुसंगत नीति में सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने और हानिकारक कार्यों को हतोत्साहित करने का संयोजन होना चाहिए. केवल दंडात्मक उपायों पर ध्यान केंद्रित करने से वांछित परिणाम प्राप्त होने की संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संघर्ष के बाद के अन्य संदर्भों में अधिक सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाया है और कहा कि इसी तरह अफगानिस्तान को अपने लोगों की सहायता के लिए अब तक अप्रयुक्त नीतिगत साधनों के साथ एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है.

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाएं पूरी होने की संभावना नहीं

पी. हरीश ने कहा कि यथास्थिति बनाए रखना अफगानिस्तान के लिए अच्छा नहीं है. इससे अफगानिस्तान के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाएं पूरी होने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत सभी संबंधित हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगा. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से दो बार बात की. मुत्तकी इस महीने नई दिल्ली आने वाले थे लेकिन संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के कारण उनकी यात्रा रद्द हो गई, क्योंकि इन प्रतिबंधों से उनका यात्रा करना सीमित है.

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