Vladimir Putin: रूस की राजनीति में विपक्ष पहले ही समाप्त हो चुकी है. ऐसे में अब पुतिन की करीबी पार्टी यूनाइटेड रशिया पार्टी का दबदबा है. अब सवाल ये है कि आखिर पुतिन के बाद रूस की बागडोर किसके हाथों में होगी. तो आपकों बता दें कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये स्पष्ट कर दिया है कि देश का अगला राजनीतिक नेतृत्व कौन संभालेगा.
दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि रूस का भविष्य उन्हीं के हाथों में होगा जिन्होंने यूक्रेन युद्ध का मैदान देखा है. रूसी संसद (डूमा) की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से बातचीत में पुतिन ने कहा कि जो लोग देश के लिए अपनी जान दांव पर लगा चुके हैं, उन्हें राजनीति और सत्ता में जगह मिलनी चाहिए. पुतिन के मुताबिक, यही योद्धा आगे चलकर रूस की जिम्मेदारी उठाएंगे और सत्ता के वारिस बनेंगे.
रूस में विपक्ष दबा, राष्ट्रवाद हावी
पुतिन का बयान स्पष्ट रूप से ये संकेत देता है कि आने वाले समय में रूस और भी ज़्यादा राष्ट्रवादी और सख्त रुख अपनाएगा. ये सोच पुतिन के बाद भी लंबे समय तक रूस की राजनीति पर असर डालेगी.
जंग में मारे जा चुके है लाखों सैनिक
बता दें कि फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था. तब से लाखों सैनिक मोर्चे पर भेजे गए. यहां तक कि कैदियों को भी जेल से रिहा कर लड़ाई में उतारा गया. रूस ने कोई आधिकारिक आंकड़े तो नहीं बताए है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक कम से कम 1,30,000 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं. वहीं, जो लोग बचें हैं, उनमें से कई मानसिक और शारीरिक तौर पर टूट चुके हैं. हिंसक अपराध और सामाजिक तनाव जैसी समस्याएं रूस के लिए सिरदर्द बन रही हैं.
शांति की कोशिशें और अड़चनें
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ही कहा था कि वो सत्ता में आते ही इस जंग को समाप्त करवा देंगे, लेकिन अभी तक युद्ध थमता नज़र नहीं आ रहा. रूस यूक्रेन के पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है और युद्धविराम नहीं, बल्कि सीधा सौदा चाहता है. रूस की मंशा है कि यूक्रेन नाटो में न जाए और कुछ जमीन छोड़े. वहीं यूक्रेन का कहना है कि रूस उसकी संप्रभुता और पहचान मिटाकर उसे अपने कब्जे में लेना चाहता है.
इसे भी पढें:-अफगानिस्तान में फिर से सैनिकों की तैनाती करेगा अमेरिका, चीन है ट्रंप का मुख्य टारगेट