जिनके वजह से खराब हुए भारत-कनाडा के रिश्ते, उन्होंने दिल्ली में डाला डेरा, पुराने भरोसे पर…

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India-Canada Relations : हमेशा से ही भारत और कनाडा के बीच संबंध आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा सहयोग पर आधारित रहे हैं, प्राप्‍त जानकारी के अनुसार एक साल पहले दोनों देशों को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मीडिया से बातचीत के दौरान उनके एक बयान ने इन रिश्तों में बड़ी दरार डाल दी. बता दें कि उन्‍होंने भारत पर खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. ऐसे में यह आरोप भारत के लिए गंभीर कूटनीतिक चुनौती था. इसके साथ ही भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेतुका बताया.

इस मामले को लेकर कनाडाई खुफिया अधिकारियों नथाली ड्रोइन और डेविड मॉरिसन ने वाशिंगटन पोस्ट को जानकारी लीक करते हुए भारत के गृहमंत्री अमित शाह पर अलगाववादियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. ऐसे में इस मामले पर भारत ने कड़ा विरोध जताया और यह मामला दोनों देशों के रिश्तों में अविश्वास का कारण बना. इस दौरान दोनों देशों के रिश्‍तो में तनाव पैदा हुए. इसके साथ ही व्यापारिक और कूटनीतिक संवाद लगभग ठप पड़ गया.

दोनों देशों के बीच सुधरते दिखाई दिए रिश्‍ते

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, जब 2025 में कनाडा की नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर नथाली ड्रोइन और उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन भारत पहुंचे तब दोनों देशों के हालात बदलते दिखाई दिए. बता दें कि यहां उन्होंने भारत के NSA अजीत डोभाल से मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक वार्ता नहीं, बल्कि इसे रिश्तों में आई तल्खी को कम करने की गंभीर कोशिश माना जा रहा है. ऐसे में बातचीत के दौरान एक सकारात्मक माहौल बनाया और रिश्तों में सुधार की उम्मीदें जगाईं है.

व्यापार और ऊर्जा सहयोग को मिल सकती है नई दिशा

इस मामले को लेकर NSA स्तर की इस बातचीत को दोनों देशों के रिश्तों में टर्निंग प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि यदि यह दोनों देश सुरक्षा मुद्दों पर एकजुट होते हैं तो व्यापार और ऊर्जा सहयोग को भी नई गति मिल सकती है. वहीं दूसरी तरफ भारत की चिंता यह है कि कनाडा खालिस्तानी गतिविधियों पर सख्त कदम उठाए और आतंकवादियों को राजनीतिक शरण न दे. ऐसे में अगर यह बातचीत आगे भी इसी सकारात्मक दिशा में जारी रहती है तो आने वाले वर्षों में दोनों देशों के रिश्ते फिर से पुराने भरोसे पर लौट सकते हैं.

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