सऊदी अरब को हथियार देगा पाकिस्तान, परमाणु को बताया अम्ब्रेला

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Saudi Arab-Pakistan : भारत द्वारा पाकिस्‍तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले पाकिस्तान अमेरिका से सहानुभूति बटोरने में लगा रहा और अब सऊदी अरब के साथ भी डिफेंस डील की है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस डील में पाकिस्तान ने सऊदी अरब को परमाणु हथियार देने की बात कही है. इसके साथ ही कुछ समय पहले पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान के साथ एक बैठक में डील पर अंतिम मुहर लगाई थी. ऐसे में डील होने के बाद उन्‍होंने भारत को गीदड़ भभकी देते हुए कहा कि अगर भारत के साथ युद्ध होता है, तो उसमें पाक का साथ सऊदी अरब भी देगा.

जानकारी के मुताबिक, एक पत्रकार ने पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से सवाल किया कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो क्‍या इसमें सऊदी अरब पाकिस्तान का साथ देगा. इस दौरान उन्‍होंने दावा करते हुए कहा कि बिल्कुल, इसमें कोई शक की बात नहीं है.

हमले के लिए नहीं, रक्षा के लिए किया गया समझौता

ऐसे में दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते पर बात करते हुए पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हमले के इस समझौते का इस्तेमाल किसी हमले के लिए नहीं, बल्कि रक्षा के लिए किया गया है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार सऊदी अरब ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को आर्थिक मदद की थी. बताया जा रहा है कि वर्तमान समय में पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियार हैं.

दोनों देशों ने परमाणु को बताया अम्‍ब्रेला

मीडिया से बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि न तो सऊदी अरब ने किसी खास देश का नाम लिया और न ही हमने किसी का नाम लिया. इस समझौते पर बात करते हुए आसिफ ने कहा कि यह बस एक अम्ब्रेला है जो दोनों को मिला है, जिसमें नियम है अगर किसी एक पर भी हमला होता है तो दोनों मिलकर जवाब देंगे. उन्‍होंने ये भी कहा कि यह कोई ‘आक्रामक समझौता नहीं’, बल्कि ‘रक्षा व्यवस्था’ है.

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा

जानकारी देते हुए बता दें कि कुछ ही समय पहले इजराइल ने दोहा में हमला किया था. इस हमले में 6 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. बता दें कि इस हमले के बाद दोहा में मुस्लिम देशों के कई नेता इजराइल के खिलाफ इकट्ठा हुए थे. ऐसे में इस हमले को लेकर पाकिस्तान ने NATO जैसी जॉइंट फोर्स बनाने का सुझाव दिया था. इस मामले को लेकर पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा था कि न्यूक्लियर पावर पाकिस्तान इस्लामिक समुदाय के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएगा.

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