Pakistan Air Force : वर्तमान समय में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की तिराह घाटी में एक परिसर में हुए घातक विस्फोट में आम नागरिकों और आतंकवादियों समेत कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा पाकिस्तानी तालिबान लड़ाकों द्वारा जमा किए गए बम बनाने के सामान के कारण हुआ. ऐसे में तमाम रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी वायु सेना (पीएएफ) के विमानों ने हवाई हमले किए.
जानकारी देते हुए बता दें कि यह विस्फोट पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी इलाके में हुआ, जो कि हर समय आतंकवादियों के निशाने पर रहता है. इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि यह विस्फोट उस परिसर में हुआ जहां पाकिस्तानी तालिबान के सदस्य बम बनाने का सामान जमा कर रहे थे. इस दौरान स्थानीय अधिकारियों ने विनाश की भयावहता की पुष्टि की है और बताया कि विस्फोट में आस-पास के कई घर भी नष्ट हो गए हैं.
हमले के पीछे पाकिस्तानी तालिबान का हाथ
ऐसे में स्थानीय पुलिस अधिकारी जफर खान का कहना है कि इस परिसर का इस्तेमाल दो पाकिस्तानी तालिबान कमांडरों, अमन गुल और मसूद खान द्वारा किया जा रहा था, बता दें कि इन्होने मिलकर इसे सड़क किनारे बम बनाने की फैक्ट्री में बदल दिया था. इतना ही नही बल्कि खान ने चरमपंथियों पर नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया और अन्य जिलों की मस्जिदों में हथियार छिपाने का आरोप लगाया, जो कि अफगान तालिबान के साथ संबद्ध एक सशस्त्र समूह है.
टीटीपी के खिलाफ चला रहे अभियान
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के सुरक्षा बल खैबर, बाजौर और उत्तर-पश्चिम के अन्य हिस्सों में टीटीपी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. इसके साथ ही टीटीपी ने पूरे पाकिस्तान में हमलों में वृद्धि की जिम्मेदारी ली है, लोगों का कहना है कि उनके कई लड़ाके अफगानिस्तान में शरण लिए हुए हैं.
हमले की स्थानीय लोगों ने की निंदा
जानकारी के मुताबिक, इस हमले को लेकर स्थानीय सांसदों ने कड़ी निंदा की है. ऐसे में खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभा के सदस्य अब्दुल गनी अफरीदी ने पाकिस्तानी सरकार पर अपने ही नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया, इसके साथ ही “मानवता के विरुद्ध खुला अपराध” भी बताया और ये भी कहा कि “अगर तिराह अकाखेल में हमारे अपने रक्षकों ने निर्दोष बच्चों और महिलाओं को बेरहमी से शहीद किया है और धरती को खून से रंग दिया है, तो यह मानवता के विरुद्ध खुला अपराध है.”
सरकार की ओर से नही आया कोई बयान
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस हवाई हमले की अब्दुल गनी अफरीदी ने निंदा की और कहा कि इसे “राज्य का उत्पीड़न” बताया. इसके साथ ही ये भी कहा कि “वह घाटी जहां कभी बच्चे खिलखिलाकर हंसते थे, लेकिन इस हमले की वजह से उनकी नन्ही लाशों से भरी पड़ी है… यह खुला अत्याचार है.” उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि शहीदों के खून का हिसाब लिया जाए.” बता दें कि इस हमले को लेकर अभी तक पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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