India-Russia: भारत और रूस के बीच के रिश्ते किसी से भी छिपे हुए नहीं है. ऐसे में दोनों देशों के बीच के दशकों पुराने सामरिक और रक्षा सहयोग को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. दरअसल, भारत में रूसी दूतावास के मिशन डिप्टी चीफ रोमन बाबुश्किन ने दोनों देशों के संबंधों बड़ा बयान दिया है. इसके साथ ही उन्होंने ब्राह्मोस मिसाइल की प्रशंसा भी की है.
रोमन बाबुश्किन ने ब्राह्मोस मिसाइल को भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करने वाला एक प्रमुख हथियार बताया है. उन्होंने कहा है कि ब्राह्मोस मिसाइल में भविष्य में कई उन्नयन (अपग्रेड) संभव हैं, जिससे इसकी मारक क्षमता और रणनीतिक उपयोगिता और भी बढ़ सकती है.
कई बार अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुकी है ब्राह्मोस
बाबुश्किन ने कहा कि भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पहले ही कई अवसरों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुकी है, और हाल ही में मई 2025 में पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान इसकी क्षमताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह मिसाइल भारत की सुरक्षा नीति में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
दुनिया के कई देशों के लिए मिशाल भारत-रूस रक्षा सहयोग
रूसी राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत-रूस के बीच जो रक्षा सहयोग है, वह दुनिया के कई देशों के लिए एक मिसाल है. उन्होंने ब्राह्मोस को “रणनीतिक मानकों में उन्नयन योग्य और उन्नत रक्षा साझेदारी” का एक शानदार उदाहरण बताया. बाबुश्किन ने कहा कि “हम भारत के साथ आधुनिक हथियारों के क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा करना चाहते हैं. रूस के पास युद्ध के क्षेत्र में आधुनिक अनुभव हैं और हम इन अनुभवों को भारत के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
फाइटर जेट से लेकर लाइसेंस उत्पादन तक सहयोग
उन्होंने कहा कि रूस एकमात्र ऐसा देश है जो भारत के साथ अत्याधुनिक हथियारों का संयुक्त उत्पादन कर रहा है. इसमें पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, उनके कलपुर्जे और अन्य तकनीकी उपकरण शामिल हैं. उन्होंने कहा कि “हम न केवल हथियारों की आपूर्ति करते हैं, बल्कि उन्हें भारत में लाइसेंस के तहत उत्पादन और संयुक्त निर्माण के माध्यम से भारत की रक्षा स्वदेशीकरण नीति में भी सहयोग कर रहे हैं. यह सब हमारे दीर्घकालिक विश्वास और रणनीतिक साझेदारी की वजह से संभव हुआ है.”
ब्राह्मोस: पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती
बता दें कि ब्राह्मोस मिसाइल की रेंज, सटीकता और स्पीड ने इसे एक ऐसा हथियार बना दिया है जिससे किसी भी दुश्मन देश को खतरा महसूस हो सकता है, खासकर पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश को. जानकारों का मानना है कि अगर भारत इस मिसाइल को और अधिक उन्नत करता है, तो यह पाकिस्तान की रक्षा नीति और रणनीति के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है. ब्राह्मोस का प्रयोग युद्धकाल में तेजी से, कम समय में लक्ष्य भेदने के लिए किया जा सकता है, जो इसकी सबसे बड़ी ताकत है.
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