वाराणसी, 6 अक्टूबरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शांति व सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करना है तो सबको सनातन धर्म की ही शरण में आना पड़ेगा. सनातन धर्म ही लोकमंगल, लोककल्याण के साथ सभी की सुरक्षा व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा. सनातन धर्म को बचाना है तो संस्कृत को माध्यम बनाना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम में लैपटॉप व सिलाई मशीन का वितरण किया. उन्होंने कुछ बच्चों को अपने हाथों से भी सम्मानित किया. सीएम योगी ने यहां पौधरोपण किया और गोशाला में गायों को चारा, गुड़ व फल खिलाया. सीएम ने बच्चों को शुभकामना देते हुए कहा कि दीपावली के पूर्व मिला यह उपहार मां अन्नपूर्णा की कृपा है. उन्होंने बच्चों को हिदायत भी दी कि कंप्यूटर सुविधा का माध्यम है तो भटकाव भी है. हमें सकारात्मक रूप से ज्ञान को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, जो जीवन को उज्ज्वल बनाने में योगदान दे सके.
आने वाले समय में संस्कृत ही दुनिया की जोड़ने वाली भाषा रहेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र संस्कृत का अध्ययन करते हुए अनवरत भारतीय संस्कृति व परंपरा के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य कर रहे हैं. कंप्यूटर का भी आधुनिक ज्ञान ले रहे हैं. उन्होंने छात्रों से कहा कि विज्ञान, गणित व अंग्रेजी की भी जानकारी ले लें, सेना, अर्धसेना व पुलिस बल में धर्मगुरुओं की बड़ी संख्या निकलती है. आने वाले समय में संस्कृत ही दुनिया की जोड़ने वाली भाषा रहेगी. संस्कृत के बिना किसी का काम नहीं चलेगा.
आने वाले समय में संस्कृत के लिए अनेक कार्य करने जा रही सरकार
सीएम ने कहा कि संस्कृत के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति नहीं थी. यूपी में हमने प्रयास किया और संस्कृत पढ़ने वाले हर छात्र के लिए छात्रवृत्ति जारी की. आने वाले समय में व्यवस्था करने जा रहे हैं कि संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था में सरकार अनुदान देगी. संस्कृत में विशिष्ट शोध और उच्च अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए भी विशिष्ट छात्रवृत्ति जारी करने वाले हैं. हमारा उद्देश्य है कि संस्कृत में पढ़ने-पढ़ाने और शोध को बढ़ाने वाले छात्रों के साथ अच्छे विद्वान भी बढ़ा सकें. संस्कृत में वेद और व्याकरण भारत की विशिष्ट देन है. दुनिया का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला भारत में स्थापित हुआ था. पाणिनी वहीं की देन हैं. पाणिनी के व्याकरण में उस समय के इतिहास, परंपरा व भारत के बारे में विस्तृत अध्ययन प्राप्त होता है.
भारतीय संस्कृति ने नारी की गरिमा, सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन को दिया सर्वोच्च स्थान
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के बारे में कहा कि जब मां अन्नपूर्णा, बाबा विश्वनाथ व मां गंगा की कृपा बरसती है तो ऐसे ही शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त हो जाते हैं. इस संस्थान की स्थापना के 108 वर्ष होने के साथ आज शरद पूर्णिमा से जुड़ रहे हैं. यह आयोजन यूपी सरकार के मिशन शक्ति (महिला सुरक्षा, सम्मान व नारी स्वावलंबन) को भी जोड़ रहा है. भारतीय संस्कृति ने नारी की गरिमा, सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन को सर्वोच्च स्थान दिया है. सनातन धर्म की परंपरा सदैव से मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव व्यक्त करती रही है. भारत में हमने धऱती को भी मां के रूप में पूजा है. मां गंगा को सबसे पवित्र नदी मानकर आराधना की है. मां अन्नपूर्णा की कृपा से ही मानव व जीव-जंतु को खाने को मिलता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी गरिमा को दिया महत्व
सीएम योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नारी गरिमा को महत्व दिया है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, 12 करोड़ घर में शौचालय, देश में चार करोड़ व यूपी में 60 लाख लोगों को छत दी गई. जब बरसात, सर्दी में लोगों के सिर पर छत नहीं होती थी, तब घर की महिला परिवार की लाज बचाती थी. एलपीजी के 10 करोड़ से अधिक कनेक्शन फ्री में उपलब्ध हुए. अब तो काशी में पाइपलाइन से गैस की सप्लाई शुरू हो गई है. यह काशी की प्रगति दिखती है. गांव में पहले यदि गरीब का घर टूट जाता था तो दोबारा मकान बनाने के लिए पापड़ बेलने पड़ते थे. दबंग मकान नहीं बनने देता था. सीएम ने घरौनी की चर्चा की और कहा कि तीन करोड़ परिवारों को जहां पर उसका आवास है, वहीं उसका मालिकाना अधिकार दे दिया गया. यह अधिकार घर की महिला सदस्य को दिया गया.
हर क्षेत्र में महिला को आगे बढ़ाने का हो रहा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहाकि शिक्षा, स्वास्थ्य, स्किल मिशन, रोजगार समेत जीवन के हर क्षेत्र में महिला को आगे बढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा है. यह कार्यक्रम नारी रक्षा के साथ स्वावलंबन का अभियान है. काफी पहले से अन्नपूर्णा मंदिर ट्र्स्ट की ओर से 250 बालिकाओं को प्रतिवर्ष प्रशिक्षण देकर सिलाई मशीन उपलब्ध कराई जाती है. एक परिवार के भरण-पोषण में सिलाई मशीन बड़ी मदद कर सकती है. नारी को स्वावलंबन पथ पर अग्रसर करने में यह बड़ी भूमिका का निर्वहन भी कर सकती है.
आने वाला समय नए रोजगार के सृजन का
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया में कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार की संभावना वस्त्र उद्योग में है. रेडिमेड गारमेंट्स की दुनिया में काफी मांग है. यूपी ने 2018 में एक जनपद, एक उत्पाद योजना लागू की. सीएम ने वाराणसी, भदोही, मीरजापुर व लखनऊ का जिक्र किया. बोले कि सभी को अच्छी डिजाइन, पैकेजिंग, तकनीक से जोड़ा जाता है. अब इतना ऑर्डर मिलता है कि वे आपूर्ति नहीं कर पाते. यूपी सरकार ने भारत सरकार के साथ मिलकर अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं.
सीएम ने कहा कि हम लोगों ने फ्लैटेड फैक्ट्री का नया कॉन्सेप्ट दिया है. यह सफल मॉडल है. कपड़ा यहां की महिलाएं बनाएंगी, लेकिन उसे पूरी दुनिया पहनेगी. प्रधानमंत्री जी ने लखनऊ में पीएम मित्र पार्क दिया है. वह 1100 एकड़ में बन रहा है. वहां एक प्लेटफॉर्म में कपड़े से जुड़ी सभी चीजें उपलब्ध होंगी. 10 ऐसे स्थान चयनित किए हैं, जहां संत कबीरदास के नाम पर टेक्सटाइल्स का पार्क विकसित करने जा रहे हैं. वहां वस्त्र उद्योग से जुड़े सभी कार्य होंगे. इसमें अधिकाधिक नौजवानों को ट्रेनिंग से जोड़ेंगे. आने वाला समय नए रोजगार के सृजन का है.
सृष्टि में हर कोई मां अन्नपूर्णा की कृपा से प्राप्त करता है अन्न
सीएम योगी ने कहा कि सृष्टि में हर कोई मां अन्नपूर्णा की कृपा से अन्न प्राप्त करता है. यह मठ 108 वर्ष से देववाणी संस्कृत के लिए भी अनवरत कार्य कर रहा है. बाबा विश्वनाथ की धरा पर मां अन्नपूर्णा की कृपा और अन्नपूर्णा मंदिर की ओर से अनेक लोकोपकारी प्रकल्प प्रारंभ हुए हैं. काशी में कोई कार्यक्रम होता है तो अन्नपूर्णा मंदिर से जुड़े संस्कृत महाविद्यालय के बच्चे वैदिक स्रोत के साथ वातावरण को आध्यात्मिक बना देते हैं. सीएम ने यहां गोसेवा कार्यक्रम की भी सराहना की. बोले कि यह भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म के प्रतीक हैं. एक तरफ गोमाता की पूजा होती है और दूसरी तरफ बाबा विश्वनाथ भी बिना नंदी के नहीं चलते हैं. कृषि प्रधान भारत के लिए नंदी भी उपयोगी हैं. ऋषि परंपरा में गाय को लेकर चल रहे हैं तो नंदी का भी संरक्षण कर रहे हैं.
समाज निर्माण को मजबूती और बालिकाओं को स्वावलंबन के पथ पर अग्रसर कर रहा मठ
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद भारत की देन है. महर्षि वाल्मीकि ने दुनिया का पहला महाकाव्य संस्कृत में रचा था. दुनिया की सबसे प्राचीनतम ज्ञान की धरोहर संस्कृत में सुरक्षित है. यह केवल विज्ञान की नहीं, दिव्य ज्ञान की भाषा है. दिव्य ज्ञान के लिए दिव्य चक्षु भी चाहिए. इसमें आध्यात्मिक दृष्टि व भाव भी चाहिए, उस भाव में जो भी गोता लगाएगा, वह संस्कृति के प्रति आग्रही व विश्वकल्याण का माध्यम बनेगा.
संस्कृत के माध्यम से वेद व व्याकरण के लिए बच्चों को तैयार करना, जीवन पथ पर अग्रसर करके समाज निर्माण के कार्यों को मजबूती प्रदान करना और दूसरी तरफ बालिकाओं को स्वावलंबन के पथ पर अग्रसर करने का प्रयास अभिनव है. सीएम ने आश्वस्त किया कि श्रीअन्नपूर्णा मठ के द्वारा प्रारंभ किए गए कार्यों को सरकार भरपूर सहयोग करेगी.
इस दौरान श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी जी महाराज, जगद्गुरु संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’, यमुनापुरी जी महाराज, महंत बालक देवाचार्य जी महाराज, योगी सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक नीलकंठ तिवारी, त्रिभुवन राम, अवधेश सिंह, सुनील पटेल, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, अन्नपूर्णा सिंह आदि की उपस्थिति रही.