इजरायल-हमास के बीच सीजफायर लागू, गाजा में लौटी शांति, लेकिन…

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Gaza Ceasefire: दो साल से इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बाद शनिवार को गाजा में सीजफायर लागू है. यह समझौता अमेरिका, अरब देशों और तुर्की के दबाव में हुआ. इस लंबे युद्ध ने गाजा को पूरी तरह से तबाह कर दिया, हजारों लोगों की जान ली और इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकेला कर दिया.

समझौते के पहले चरण में हमास बाकी बचे बंधकों की रिहाई करेगा और बदले में इजरायल दो हजार फलिस्तिनियों को छोड़ेगा, जिनमें सैकड़ों कैदी और युद्ध के दौरान पकड़े गए लोग शामिल हैं.

इजरायली सेना पीछे हटी

युद्धविराम शुक्रवार की दोपहर से प्रभावी हुआ. इजरायली सेना ने कहा कि उसने गाजा सिटी, खान यूनिस और अन्य इलाकों से पीछे हटकर तय की गई सीमाओं पर लौट आई है. हालांकि, रफा और गाजा के उत्तरी हिस्सों में अब भी इजरायली सैनिक तैनात हैं.

सोमवार तक हमास 48 बंधकों को छोड़ेगा, जिनमें लगभग 20 जीवित बताए जा रहे हैं. इसके बदले में इजरायल दो हजार कैदी छोड़ेगा. हमास ने अब तक कहा है कि वह तभी आखिरी बंधकों को छोड़ेगा, जब इजरायली सेना पूरी तरह से गाजा से बाहर जाएगी.

हमास को ट्रंप ने दी है गारंटी

ट्रंप ने हमास को पूर्ण वापसी की गारंटी दी है. हालांकि, यह कितने समय में होगा, ये अभी तय नहीं है. ट्रंप की 20 सूत्री योजना के अनुसार, इजरायल गाजा की सीमा पर एक छोटा बफर जोन बनाए रखेगा और मिस्र की सीमा वाले फिलाडोल्फी कॉरिडोर पर नियंत्रण जारी रखेगा. साथ ही, अरब देशों की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल गाजा में तैनात किया जाएगा.

हमास ने 2007 से गाजा पर शासन किया है. अब उसने कहा है कि वह शासन छोड़कर एक फलिस्तीनी तकनीकी समिति को सत्ता सौंपेगा, लेकिन ट्रंप की योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय संस्था गाजा की निगरानी करेगा, जिसकी अगुवाई पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर कर सकते हैं.

लोगों में अभी भी संशय

इजरायल चाहता है कि हमास अपने हथियार छोड़ दे, जबकि हमास का कहना है कि उसे सशस्त्र प्रतिरोध का अधिकार है. रिपोर्टों के अनुसार, हमास अपने हमलावर हथियारों को एक संयुक्त फलिस्तीनी-मिस्र समिति को सौंपने पर विचार कर रहा है.

इजरायल की ओर से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जब तक हमास की सैन्य ताकत खत्म नहीं होगी, अभियान पूरा नहीं माना जाएगा. दूसरी तरफ, इजरायल ने पश्चिमी तट की फलिस्तीनी प्राधिकरण को कोई भूमिका देने से इनकार कर दिया है और फलिस्तीनी राज्य की संभावना को भी खारिज कर दिया है.

गाजा के लोगों में थोड़ी राहत है कि बमबारी और गोलीबारी फिलहाल थम गई है, लेकिन संशय भी गहरा है, क्या यह विराम टिकेगा, क्या वे अपने घर लौट पाएंगे और क्या कभी गाजा का पुनर्निर्माण होगा?

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