नई दिल्ली: सरकार ने पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को दिवाली का तोहफा दिया हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से लागू की जाने वाली योजनाओं के तहत पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए वित्तीय सहायता में 100 फीसदी वृद्धि करने को मंजूरी दी है. इस फैसले के बाद आश्रितों को शिक्षा, विवाह और निर्धनता अनुदान के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि दोगुनी हो गई है. आगामी 1 नवम्बर से संशोधित दरें लागू होंगी.
इस संबंध में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि ये योजनाएं पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से लागू की जाती हैं. वित्तीय सहायता में की गई प्रमुख बढ़ोतरी इसके तहत निर्धनता अनुदान की राशि 4,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 8,000 रुपए प्रति माह प्रति लाभार्थी कर दी गई है. यह सहायता 65 वर्ष से अधिक आयु वाले उन पूर्व सैनिकों के आश्रितों और विधवाओं को आजीवन दी जाएगी, जिनकी कोई नियमित आय नहीं है और जो गैर-पेंशनभोगी हैं.
शिक्षा अनुदान की श्रेणी में दो आश्रित बच्चों (कक्षा 1 से स्नातक तक) या दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रही विधवाओं के लिए शिक्षा अनुदान एक हजार रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह कर दिया गया है.
सरकार की ओर से विवाह अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है. इसे 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1,00,000 रुपए प्रति लाभार्थी कर दिया गया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह अनुदान अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह अथवा विधवा पुनर्विवाह के लिए लागू होगा, बशर्ते विवाह इस आदेश के जारी होने के बाद संपन्न हुआ हो.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मंजूर की गई नई दरें 1 नवंबर 2025 से प्राप्त आवेदनों पर लागू होंगी. इससे प्रति वर्ष लगभग 257 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा, जो आर्म्ड फोर्सेस फ्लैग डे फंड से वहन किया जाएगा. ये सभी योजनाएं रक्षा मंत्री पूर्व सैनिक कल्याण कोष के तहत संचालित हैं, जो आर्म्ड फोर्सेस फ्लैग डे फंड का एक उप-कोष है.