दुनिया के सबसे ठंडे देश पर ग्लोबल वार्मिंग का वार! आइसलैंड में पहली बार दिखे मच्छर

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
First Mosquitoes Spotted In Iceland: तेजी से बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन का असर अब आइसलैंड पर भी देखने को मिल रहा है. पहली बार यहां मच्छरों की उपस्थिति दर्ज की गई है और वो भी सिर्फ दो नहीं, बल्कि तीन मच्छर! वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण आइसलैंड का वातावरण अब मच्छरों के अनुकूल हो गया है. इससे पहले यह देश दुनिया के उन कुछ स्थानों में शामिल था जहां मच्छरों की आबादी नहीं थी. ऐसा ही दूसरा स्थान अंटार्कटिका है. “

कीटविज्ञानी ने की पुष्टि

आइसलैंड के प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के कीटविज्ञानी मैथियास अल्फ्रेडसन ने इसकी पुष्टि की. स्थानीय वैज्ञानिक के भेजे गए सैंपल की पहचान उन्होंने स्वयं की. उन्होंने कहा कि किडाफेल, कजोस में कुलिसेटा एनुलाटा के तीन नमूने पाए गए, जिनमें दो मादा और एक नर था. ये सभी वाइन रोप्स से एकत्र किए गए थे. यह प्रजाति शीत-प्रतिरोधी है और सर्दियों में तहखानों और खलिहानों में शरण लेकर आइसलैंडिक परिस्थितियों में जीवित रह सकती है.

फेसबुक यूजर ने पोस्ट की मच्छरों की तस्वीर

ब्यूआर्न हेजाल्टसन नाम के शख्स ने मच्छरों की तस्वीरें फेसबुक ग्रुप “इंसेक्ट्स इन आइसलैंड” पर पोस्ट की थीं. ब्यूआर्न ने कहा, “16 अक्टूबर की शाम, मेरी नजर लाल वाइन रिबन (मच्छरों को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला जाल) पर एक अजीब सा कीड़ा देखा.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे तुरंत शक हो गया कि ये क्या हो रहा है और मैंने जल्दी से उसे उठा लिया. वह एक मादा थी.” उन्होंने दो और कीट पकड़े और उन्हें विज्ञान संस्थान भेजा.

वैज्ञानिकों ने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी

वैज्ञानिकों ने कुछ समय पहले ही भविष्यवाणी की थी कि मच्छर आइसलैंड में पनप सकते हैं, क्योंकि यहां दलदल और तालाब जैसी प्रजनन के लिए अनुकूल जगहें मौजूद हैं. हालांकि, यह भी माना गया था कि कई मच्छर प्रजातियां कठोर जलवायु में जीवित नहीं रह पाएंगी. ग्लोबल हीट हेल्थ इंफोर्मेशन नेटवर्क ने जून 2025 में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि उत्तरी गोलार्ध के अन्य हिस्सों की तुलना में आइसलैंड चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है. ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और देश के पानी में मैकेरल जैसी मछलियां देखी गई हैं, जो आमतौर पर गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में पाई जाती हैं.”
Latest News

MP के CM डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन तिलकेश्वर गौशाला में किया गोवर्धन पूजा, किसानों को दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन की तिलकेश्वर गौशाला में भव्य रूप से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया. इस...

More Articles Like This