Earthquake : राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, तड़के कोरल सागर (Coral Sea) में 6.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह भूकंप 26 अक्टूबर 2025 की सुबह 4:58 बजे (IST) महसूस किया गया. बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला से लगभग 632 किलोमीटर उत्तर-उत्तर-पश्चिम (NNW) में स्थित था.
जानकारी देते हुए बता दें कि भूकंप की गहराई केवल 10 किलोमीटर थी, यही कारण है कि इसे भूकंप के झटके काफी तेज थे. फिलहाल के लिए अब तक किसी प्रकार की जनहानि या नुकसान की जानकारी नहीं मिली है. इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन एहतियाती कदम उठा रहा है और क्षेत्र की निगरानी की जा रही है.
ऊपरी भूकंप माने जाते हैं ज़्यादा खतरनाक
भूकंप को लेकर भूविज्ञान विशेषज्ञों का मानना है कि जब भूकंप की तरंगें सतह के बहुत पास उत्पन्न होती हैं तो वे कम दूरी में ही अधिक कंपन पैदा करती हैं. इसी वजह से भूकंप के झटके अधिक तेज महसूस होते हैं और इमारतों के साथ ढांचे तेज़ी से हिलते हैं और जान-माल के नुकसान की आशंका ज़्यादा होती है. ऐसे में राहत की बात यह है कि भूकंप समुद्र के भीतर आया, जिससे आबादी वाले इलाकों पर इसका प्रभाव सीमित रहा.
प्रशांत महासागर का भूकंपीय हॉटस्पॉट
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरल सागर, वानुअतु, और सोलोमन द्वीप का क्षेत्र पृथ्वी की सबसे सक्रिय भूकंपीय पट्टियों में शामिल है. बता दें कि यह इलाका प्रशांत प्लेट (Pacific Plate) और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के बीच स्थित है. इस मामले को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां एक सबडक्शन ज़ोन मौजूद है, जहां इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट प्रशांत प्लेट के नीचे खिसक रही है. लेकिन वहीं कुछ स्थानों पर यह गति 13 सेंटीमीटर प्रति वर्ष तक पहुंच जाती है. जिसके कारण से वानुअतु, फिजी, सोलोमन द्वीप और पापुआ न्यू गिनी को वैश्विक भूकंपीय बेल्ट का सबसे सक्रिय हिस्सा माना जाता है.
वानुअतु में आए भूकंप ने मचाई भारी तबाही
बता दें कि पिछले साल दिसंबर 2024 में वानुअतु में आए 7.3 तीव्रता के भूकंप ने इस क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी. इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि उस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी. इसके साथ ही 2,000 से अधिक लोग इस हादसे में बेघर हो गए थे और कई अस्पतालों व स्कूलों तबाह हो गए थे. इसी के बाद से वानुअतु और सोलोमन द्वीप ने आपदा तैयारी प्रणाली को और मजबूत किया है, जिससे भविष्य की आपदाओं का सामना बेहतर ढंग से किया जा सके.
अंतरराष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि यह झटका समुद्र में आया जरूर था, लेकिन इसकी तीव्रता इतनी नही थी कि सुनामी पैदा कर सके. फिर भी, वानुअतु और सोलोमन द्वीप की आपदा प्रबंधन एजेंसियां संभावित आफ्टरशॉक्स को देखते हुए निगरानी बनाए हुए हैं.
इसे भी पढ़ें :- ट्रंप ने फिर कनाडा पर फोड़ा टैरिफ बम, रीगन Ad विवाद के बीच अमेरिका का बड़ा फैसला

