भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगले CJI के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है. मौजूदा CJI गवई के बाद जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं. यदि केंद्र सरकार इस सिफारिश को स्वीकार कर लेती है, तो 23 नवंबर को CJI गवई के सेवानिवृत्त होने के बाद 24 नवंबर से जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के अनुसार CJI गवई ने केंद्रीय कानून मंत्रालय से जस्टिस सूर्यकांत को अगला CJI नियुक्त करने की सिफारिश की है. जस्टिस सूर्यकांत को 24 मई, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था. अगर वे अगले CJI बनाते हैं तो चीफ जस्टिस के रूप में उनका कार्यकाल (करीब 1.2 साल) होगा. सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल होती है.
कैसे चुने जाते हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश?
परंपरा के अनुसार, मौजूदा CJI के रिटायर होने से लगभग महीने भर पहले केंद्रीय कानून मंत्रालय उनसे उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगता है. इसके बाद वर्तमान CJI अपनी सिफारिश के अनुसार उत्तराधिकारी का नाम केंद्र को प्रस्तावित करते हैं. इसी प्रक्रिया में आमतौर पर यह लगभग तय हो जाता है कि देश का अगला मुख्य न्यायाधीश कौन होगा.
कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?
हरियाणा के हिसार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं. उन्होंने साल 1981 में गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हिसार से स्नातक करने के बाद साल 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढाई पूरी की. इसी साल उन्होंने हिसार के जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी.
एक साल यहां रहने के बाद वे पंजाब-हरियाणा कोर्ट में प्रैक्टिस करने चले गये। साल 2004 में वे पंजाब-हरियाणा कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए. जस्टिस सूर्यकांत साल 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त हुए. इसके बाद 24 मई 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाया गया.

