भारत में अब पुरुष और महिला कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता काफी कम हो गई है. अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक, भारत उन देशों में शामिल हो गया है जहां जेंडर पे ग्रैप लगभग न्यूनतम है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुष और महिला दोनों की औसत सैलरी लगभग समान है, जो 13,000 डॉलर से 23,000 डॉलर के बीच है. यह संकेत करता है कि कंपनियां अब वेतन निर्धारण में अधिक डेटा-संचालित और निष्पक्ष प्रक्रियाओं का उपयोग कर रही हैं.
रिपोर्ट को तैयार करने वाली कंपनी डील ने एक मिलियन से अधिक कॉन्ट्रैक्ट और 35,000 से ज्यादा ग्राहकों की जानकारी का विश्लेषण किया. यह डेटा 150 देशों का है और इसके जरिए दुनियाभर में वेतन के रुझानों को समझने की कोशिश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में इंजीनियरिंग और डेटा से जुड़े पेशेवरों की औसत सैलरी में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2024 में इन पेशेवरों का औसत वेतन 36,000 डॉलर था, जो 2025 में घटकर 22,000 डॉलर रह गया.
रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में हाइब्रिड वर्कफोर्स मॉडल जारी है, जिसमें लगभग 60 से 70% कर्मचारी फुल-टाइम हैं, जबकि 30 से 40% कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट या अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं. यह बताता है कि कंपनियां लचीले काम के तरीकों पर भरोसा करती हैं. डील के एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के जनरल मैनेजर मार्क सैमलाल ने कहा, भारत में पुरुष और महिला के वेतन अंतर में कमी होना एक सकारात्मक संकेत है. यह बदलाव दिखाता है कि अब कंपनियां निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से वेतन तय कर रही हैं और काम की योग्यता को पहले से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है.
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक औसत वेतन मिलता है. वहीं, एआई, साइबर सुरक्षा और डिजिटल मार्केटिंग जैसे विशेष क्षेत्रों में पेशेवर 20 से 25% अधिक वेतन कमा सकते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि इन क्षेत्रों में कुशल विशेषज्ञ कम हैं और वेतन का कोई निश्चित पैटर्न नहीं है. इसके अलावा, टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए शेयर या कंपनी में हिस्सेदारी वाले पैकेज भी लगातार बढ़ रहे हैं.
यह प्रवृत्ति 2021 से 2025 तक जारी रही है, खासकर भारत और ब्राजील जैसे उभरते देशों में. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में यह पैकेज सबसे बड़ा है, उसके बाद कनाडा और फ्रांस का स्थान आता है. हालांकि, दुनियाभर में तकनीक और प्रोडक्ट से जुड़े कामों में पुरुष और महिला के वेतन में अंतर अब भी ज्यादा है. वहीं, बिक्री या सेल्स के कामों में यह अंतर कम है। सबसे ज्यादा वेतन अंतर कनाडा, फ्रांस और अमेरिका में देखा गया.