असम में दो और बांग्लादेशियों को मिली भारत की नागरिकता, राज्य में पहली बार किसी महिला को भी मिली पहचान

Must Read

New Delhi: असम में दो और बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता मिली है. इनमें एक पुरूष और दूसरी महिला है. सबसे खास बात यह है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत राज्य में पहली बार किसी महिला को नागरिकता दी गई है. इसके साथ ही राज्य में CAA के तहत नागरिकता पाने वालों की संख्या अब 4 तक पहुंच गई है. खास बात यह भी है कि यह नागरिकता उन्हें रजिस्ट्रेशन के जरिए दी गई है. हालांकि, सामाजिक परेशानियों की आशंका के चलते दोनों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए.

1971 से पहले ही असम आ चुके थे अधिकतर हिंदू

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि बांग्लादेश से आए अधिकतर हिंदू 1971 से पहले ही असम आ चुके थे. यह जानकारी इन मामलों को देख रहे वरिष्ठ वकील धर्मानंद देब ने दी. धर्मानंद देब ने बताया कि यह असम में पहली बार है जब किसी महिला को CAA के तहत भारतीय नागरिकता मिली है. वकील ने बताया कि दोनों की नागरिकता भारत में प्रवेश की तारीख से प्रभावी मानी जाएगी.

इलाज के लिए एक रिश्तेदार के साथ आई थी महिला

महिला की उम्र 40 साल है और वह 2007 में बांग्लादेश से भारत आई थी. वह असम के श्रीभूमि जिले में रह रही थी. वकील के मुताबिक वह इलाज के लिए एक रिश्तेदार के साथ सिलचर मेडिकल कॉलेज आई थी. यहीं उनकी मुलाकात श्रीभूमि के एक युवक से हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली. इसके बाद उन दोनों को एक बेटा हुआ और वह यहीं बस गई.

महिला का मामला दोबा दाखिल किया

CAA के नियम लागू होने के बाद उन्होंने पिछले साल जुलाई में नागरिकता के लिए आवेदन किया लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले हुए सीमांकन की वजह से उनके इलाके के अधिकार क्षेत्र को लेकर भ्रम पैदा हो गया और आवेदन खारिज हो गया. वकील ने बताया कि महिला का मामला दोबा दाखिल किया गया और आखिरकार उसे मंजूरी मिल गई. उन्हें नागरिकता अधिनियम की धारा 5(1)(C) और 6B के तहत नागरिकता दी गई.

रजिस्ट्रेशन के जरिए प्राप्त कर सकता है नागरिकता

इस धारा के तहत कोई भी व्यक्ति जो किसी भारतीय नागरिक से शादी कर चुका हो और सात साल से भारत में रह रहा हो, वह रजिस्ट्रेशन के जरिए नागरिकता प्राप्त कर सकता है. दूसरा व्यक्ति 61 साल का पुरुष है, जो 1975 में 11 साल की उम्र में बांग्लादेश के मौलविबाजार जिले से भारत आया था. वह सिलचर शहर में रह रहा था. उसने भी असम में ही शादी की और परिवार बसाया. उसे नेचुरलाइजेशन प्रक्रिया के जरिए भारतीय नागरिकता दी गई. इन दोनों के साथ अब असम में ऐसे चार लोग हो गए हैं, जो 1971 की कट-ऑफ तारीख के बाद भारत आए थे और जिन्हें CAA के तहत नागरिकता मिली है.

इसे भी पढ़ें. BJP प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन समारोह: CM योगी बोले- प्रदेश को सरकार व संगठन मिलकर बढ़ाएंगे आगे

Latest News

15 December 2025 Ka Panchang: सोमवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

15 December 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This