India Maritime Week-2025: इंडिया मैरीटाइम वीक-2025 के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 अक्टूबर को मुंबई पहुंचेंगे. अपने दौरे के दौरान वे मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे और नेस्को एग्ज़िबिशन सेंटर में आयोजित होने वाले ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम की अध्यक्षता करेंगे. भारत को एक समुद्री महाशक्ति के रूप में उभरते देखने की दिशा में यह कॉन्क्लेव एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो देश की समुद्री नीति और ब्लू इकोनॉमी को नई गति प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, पीएम मोदी 29 अक्टूबर को शाम 4 बजे मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे. इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 ग्लोबल मैरीटाइम हब और ब्लू इकोनॉमी में अग्रणी के रूप में उभरने के भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है.
अग्रणी समुद्री शक्तियों में स्थान दिलाने का मकसद
साथ ही कहा, प्रधानमंत्री की भागीदारी मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप एक महत्वाकांक्षी और भविष्य की ओर उन्मुख समुद्री परिवर्तन के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. चार रणनीतिक स्तंभों – पोर्ट आधारित विकास, शिपिंग और जहाज निर्माण, निर्बाध रसद और समुद्री कौशल निर्माण पर आधारित इस दीर्घकालीन विजन का उद्देश्य भारत को दुनिया की अग्रणी समुद्री शक्तियों में स्थान दिलाना है.
इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 इस विजन को क्रियान्वित करने के लिए केंद्र सरकार के प्रमुख वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है, जो नौवहन, बंदरगाहों, जहाज निर्माण, क्रूज पर्यटन और ब्लू इकोनॉमी वित्त के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाता है.
85 देशों के एक लाख प्रतिनिधि होंगे शामिल
इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 (IMW 2025) में 85 से अधिक देशों के 1 लाख से ज्यादा प्रतिनिधि, 500 से अधिक प्रदर्शक और 350 से अधिक अंतरराष्ट्रीय वक्ता भाग लेंगे. ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम के दौरान विश्वभर की प्रमुख समुद्री कंपनियों के सीईओ, निवेशक, नीति-निर्माता और नवप्रवर्तक एक ही मंच पर जुटेंगे. यह फोरम सतत समुद्री विकास, हरित नौवहन, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और समावेशी ब्लू इकोनॉमी जैसे विषयों पर केंद्रित रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर और सशक्त बनाएगी, जो भारत को विश्व की अग्रणी समुद्री शक्तियों में स्थापित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 चार रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है: बंदरगाह-आधारित विकास, नौवहन और जहाज निर्माण, निर्बाध रसद और समुद्री कौशल निर्माण. यह विजन भारत को 2047 तक वैश्विक समुद्री व्यापार का केंद्र बनाने का लक्ष्य रखता है.
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