भारत-अमेरिका के बीच बड़ा रक्षा समझौता, टैरिफ को लेकर भी हो सकता है अहम फैसला  

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Rajnath Singh Malaysia Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय मलेशिया में है. जहां वो 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) में शामिल होंगे. हालांकि इससे पहले उन्‍होंने कुआलालंपुर में अमेरिका के वॉर सचिव पीट हेगसेथ से मुलाकात की. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच प्रमुख रक्षा एग्रीमेंट पर मुहर लगी. साथ ही डिफेंस एग्रीमेंट की रूपरेखा पर एक समझौते का आदान-प्रदान भी किया गया.

दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की जताई उम्‍मीद

अमेरिका के साथ इस खास डिफेंस डील के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीट हेगसेथ से वार्ता के दौरान कहा कि हमने तीन बार टेलीफोन पर बातचीत की है. मुझे आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) के मौके पर हेगसेथ व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी हो रही है. इस अवसर पर, मुझे लगता है कि आज रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर के साथ एक नया अध्याय शुरू होगा. मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे.

भारत-अमेरिका में सुधर रहे रिश्ते

बता दें कि हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍ते तनावपूर्ण बने हुए थे. पहले टैरिफ विवाद और फिर रूस से कच्चे तेल की खरीद के मुद्दे पर दोनों देश आमने-सामने दिखाई दिए. हालांकि, अब स्थितियां बदल रही हैं.  दोनों देशों के बीच रिश्‍तों को मजबूत करने के लिए कई तरह के समझौतों पर बात हो रही है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि इस दौरान भारत पर बढ़े हुए टैरिफ को लेकर भी कोई बड़ा फैसला हो सकताहै. इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के वॉर सेकेट्री पीट हेगसेथ के साथ वार्ता की. इस दौरान अहम समझौतों पर भी मुहर लगी.

रक्षा फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को नीतिगत दिशा प्रदान

राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट में बताया कि कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के साथ एक 10 वर्षीय ‘अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा’हस्ताक्षर हुआ है. यह हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा. उन्‍होंने बताया कि यह रक्षा फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगी. यह हमारे बढ़ते रणनीतिक कन्वर्जेंस का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा. डिफेंस सेक्टर हमारे द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ बना रहेगा. एक स्वतंत्र, खुले और नियमों से बंधे हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है.

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