आयरलैंड में भारतीयों पर नस्लवादी हमले के बाद पहली गिरफ्तारी, पुलिस ने एक युवक और एक किशोर को पकड़ा

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Ireland: आयरलैंड में भारतीयों पर नस्लवादी हमले के बाद पहली गिरफ्तारी हुई है. इस मामले में एक पुरुष और एक किशोर को गिरफ्तार किया गया है. इसी हमले ने सबसे पहले भारत में सुर्खियाँ बटोरी थीं. एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों को वर्तमान में दक्षिण डबलिन के गार्डा स्टेशनों में क्रिमिनल जस्टिस एक्ट 1984 की धारा 4 के तहत हिरासत में रखा गया है. जांच जारी है.

भारतीय अमेजन कर्मचारी पर हुआ था बर्बर हमला

आयरलैंड की राष्ट्रीय पुलिस गार्डा ने घोषणा करते हुए बताया कि उन्होंने 19 जुलाई को डबलिन के टालाह्ट इलाके में एक भारतीय अमेजन कर्मचारी पर एक बर्बर हमला हुआ था. इसी मामले में 30 वर्ष के एक पुरुष और एक किशोर लड़के को गिरफ्तार किया है. दरअसल, भारतीय लोगों पर आयरलैंड में बीते दिनों काफी हमले हुए. इनमें आयरलैंड की ओर से कोई विशेष कार्रवाई अब तक नहीं हो रही थी. जिससे भारतीय समुदाय में काफी आक्रोश था. इसे लेकर उन्होंने प्रदर्शन भी किए. लेकिन अब इस देश में भारतीय समुदाय ने राहत की सांस ली है.

भारतीयों को जानबूझकर बनाया गया था निशाना

इस साल की गर्मियों के दौरान कई भारतीयों को जानबूझकर निशाना बनाया गया था. अब इंडियंस को निशाना बनाकर किए गए नस्लवादी हमलों के सिलसिले में आखिरकार पहली गिरफ्तारियाँ हो गई है. एक 40 वर्षीय भारतीय नागरिक पर टालाह्ट के किलनमानाह क्षेत्र में एक राउंडअबाउट के पास एक गिरोह ने हमला किया था. इस इंडियन प्रोफेशनल के कपड़े उतरवाकर, चाकू मारकर और लगभग मृत अवस्था में छोड़ दिया था. वह सिर्फ एक सप्ताह पहले ही आयरलैंड पहुंचा था जबकि उसकी 11 महीने की बच्ची और पत्नी अभी भी भारत में थीं.

गंभीर सिर की चोटों से जूझता मिला

स्थानीय निवासी जेनिफर मरे ने घायल व्यक्ति को पाया था. उन्होंने कहा कि उसके माथे को फाड़ दिया, उसके सिर पर मुक्के मारे, उसे जमीन पर गिराया और वह गंभीर सिर की चोटों से जूझता मिला. उन्होंने उसकी पैंट, अंडरवियर, फोन, बैंक कार्ड, जूते सब कुछ छीन लिया. वे आसानी से उसे मार भी सकते थे.

भारतीय मूल के लोगों पर कई अन्य हमले

यह एकमात्र मामला नहीं था. इसके बाद गर्मियों के दौरान आयरलैंड में भारतीय मूल के लोगों पर कई अन्य हमले हुए. हालांकि उन सभी मामलों में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. ज्यादातर हमले बच्चों और किशोरों द्वारा किए गए थे, क्योंकि उस समय छुट्टियां चल रही थीं. सितंबर में स्कूल खुलने और रातें लंबी होने के साथ ये घटनाएँ रुक गईं. किशोरों  के ऊपर मामले ज्यादातर समय दर्ज नहीं होते और उनसे किसी को हमले का डर नहीं होता.

देश का पूरा सिस्टम बहुत नौकरशाही वाला

आयरलैंड-इंडिया काउंसिल के एक सदस्य के अनुसार देश का पूरा सिस्टम बहुत नौकरशाही वाला है. गिरफ्तारी से पहले उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं की कई परतों से गुजरना पड़ता है और इसी कारण देरी होती है. हालांकि डबलिन में काम कर रहे भारतीयों ने इस पर खुशी जताई. भारतीय समुदाय इस सकारात्मक विकास का स्वागत करता दिखा. आयरिश सरकार, पुलिस और भारतीय दूतावास के प्रति अपनी आभार जताते हुए उन्होंने न्याय की उम्मीद की और आशा जताई कि अपराधियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

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