New York: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के गाजा प्लान को संयुक्त राष्ट्र से हरी झंडी मिल गई है. वहीं हमास इसके सख्त खिलाफ है. हमास ने कहा है कि वह हथियार नहीं डालेगा. वो इजरायल को रोकने के लिए हथियार उठाते हैं. बता दें कि ट्रंप ने गाजा युद्ध खत्म करने की योजना बनाई है. पहले फेज के तहत इजरायल और हमास ने बंदियों को रिहा कर दिया है.
फिलीस्तीन में अंतरराष्ट्रीय फोर्स को तैनात करने जैसे प्रावधान शामिल
बीते दिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ट्रंप के गाजा प्लान पर वोटिंग हुई है. इस प्रस्ताव में गाजा युद्ध खत्म करने के साथ-साथ फिलीस्तीन में अंतरराष्ट्रीय फोर्स को तैनात करने जैसे प्रावधान शामिल थे. ट्रंप के 20 पॉइंट पीस प्लान का पहला फेज कामयाब रहा है. इजरायल और हमास दोनों ने सीजफायर के लिए सहमति दर्ज करते हुए बंदियों को रिहा कर दिया है. वहीं अब इस प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र की भी मुहर लग चुकी है.
एक अंतरराष्ट्रीय फोर्स बनाई जाएगी
संयुक्त राष्ट्र में पेश संकल्प पत्र के अनुसार यूएन के सभी सदस्य देश ट्रंप की अध्यक्षता वाले इस प्रस्ताव में हिस्सा ले सकते हैं. इसके अलावा एक अंतरराष्ट्रीय फोर्स बनाई जाएगी जो गाजा में शांति बहाल करने और सैन्य गतिविधियों को कम करने में मदद करेगी. यह फोर्स गाजा में हथियारों और सैन्य ढांचों को पूरी तरह से नष्ट कर देगी.
हमास ने कहा कि वो हथियार नहीं डालेंगे
हमास इसके सख्त खिलाफ है. हमास ने बयान जारी करते हुए कहा कि वो हथियार नहीं डालेंगे. वो इजरायल को रोकने के लिए हथियार उठाते हैं. हमास के अनुसार इस प्रस्ताव के तहत गाजा पट्टी में एक अंतर्राष्ट्रीय तंत्र को लागू करने की कोशिश की जा रही है, जिसे हमारे लोग और सभी गुट पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं.
फिलीस्तीन के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा यह प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत माइक वॉल्ट्ज का कहना है कि यह प्रस्ताव फिलीस्तीन के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा. फिलीस्तीन को मिसाइलों से दूर रखकर हमास के चंगुल से बाहर निकालेगा. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि गाजा आतंक के साए के बिना समृद्धि की ओर आगे बढ़ सके.
रूस ने वोटिंग का कर दिया बहिष्कार
रूस अमेरिका के इस प्रस्ताव के पूरी तरह से खिलाफ है. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि रूस इस प्रस्ताव पर वीटो लगा सकता है लेकिन रूस ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. चीन ने भी बहिष्कार का रास्ता अपनाया. दोनों देशों का कहना है कि यह संकल्प पत्र एकतरफा है जिसमें गाजा का भविष्य सुरक्षित नहीं है.
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