भारत में 2025-26 में 4% तक बढ़ सकता है यात्री वाहन उद्योग, SUV और EV डिमांड में उछाल

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

जीएसटी दर में कटौती, कम महंगाई और सहायक राजकोषीय उपायों के चलते भारत के यात्री वाहन उद्योग का वॉल्यूम इस वित्त वर्ष में लगभग 4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. यह जानकारी बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई. केयरएज रेटिंग्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) मार्केट अपनी पकड़ बनाए रखेगा और 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है. रेटिंग एजेंसी ने बताया कि छोटे वाहनों पर पहले जहां जीएसटी दर 28 प्रतिशत थी, अब जीएसटी रेशनलाइजेशन के बाद यह घटकर 18 प्रतिशत हो गई है, जिससे एंट्री-लेवल डिमांड में बढ़ोतरी होने की संभावना है. वहीं, एसयूवी पर से सेस हटाए जाने से उनकी मांग में भी इजाफा हो सकता है.

FY26 में हाइब्रिड वॉल्यूम में 34-38% का उछाल

वित्त वर्ष 26 में हाइब्रिड वॉल्यूम में भी 34-38 प्रतिशत का उछाल देखे जाने की उम्मीद की जा रही है, जिसके साथ यह बढ़कर 1.07-1.10 लाख यूनिट के आंकड़े तक पहुंच सकते हैं. जबकि वित्त वर्ष 25 में हाइब्रिड वॉल्यूम की कुल यूनिट 80,406 रजिस्टर की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 26 में पीवी सेगमेंट में इलेक्ट्रिक कार वॉल्यूम 1.75 लाख यूनिट रहने का अनुमान है, जिसके साथ ईवी पेनिट्रेशन 3-4 प्रतिशत के मामूली स्तर पर रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 24 में ईवी की बिक्री में 83 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया था, जबकि वित्त वर्ष 25 में यह उछाल 11 प्रतिशत का रहा था.

GST रेट कटौती के बाद रिटेल बिक्री में मजबूत वृद्धि

केयरएज रेटिंग्स के असिस्टेंट डायरेक्टर मधुसूदन गोस्वामी ने कहा, GST रेट कटौती के बाद रिटेल बिक्री में ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में मजबूत वृद्धि देखी गई है. आगे बढ़ते हुए फेस्टिव सीजन के अंत में पीवी की बिक्री सामान्य हो जाएगी. हालांकि हार्वेस्ट सीजन के साथ ग्रामीण मांग बढ़ेगी और शादियों से सीजनल डिमांड बढ़ेगी, जिसके साथ वृद्धि की गति जारी रहने का अनुमान है. वाहनों की ऊँची कीमतों और पिछले वर्ष के उच्च बेस इफेक्ट के कारण पीवी (पैसेंजर व्हीकल) उद्योग की वृद्धि दर 3.7% तक सीमित रही. इन चुनौतियों के बावजूद नए मॉडल लॉन्च और मजबूत एसयूवी डिमांड समग्र विकास की गति बनाए रखने में मदद करेंगे. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस सेक्टर की वृद्धि ओईएम प्राइसिंग रणनीतियों, उत्पाद रिफ्रेश चक्र और मैक्रोइकोनॉमिक परिस्थितियों में निरंतर सुधार जैसे कारकों पर निर्भर करती है.

Latest News

पोलैंड अब रूस के आखिरी कॉन्सुलेट को भी करेगा बंद, रूस ने भी दी धमकी, बोला-हम भी कम करेंगे मौजूदगी

Poland Russia Conflict: पोलैंड अब रूस के आखिरी बचे कॉन्सुलेट (ग्दांस्क) को भी बंद कर देगा. पोलैंड ने अपने...

More Articles Like This