भारतीय कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर अब तक 14 प्रतिशत बढ़ी है. इस दौरान ऑयल एंड गैस, टेक्नोलॉजी, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और मेटल्स सेक्टर का प्रदर्शन सबसे मजबूत रहा. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) के अनुसार, सेक्टर वाइज देखा जाए तो मिडकैप स्टॉक्स में 26 प्रतिशत की बढ़त रही, जबकि लार्जकैप स्टॉक्स ने 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. वहीं, स्मॉलकैप का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिसमें निजी बैंक, एनबीएफसी, रिटेल और मीडिया सेक्टर ने दबाव डालने का काम किया.
सालाना आधार पर 5% की दर से बढ़ी निफ्टी की 27 कंपनियों की आय
एमओएफएसएल के 151 कंपनियों के यूनिवर्स (ग्लोबल कमोडिटी मूवर्स को हटाकर) ने 6 प्रतिशत की आय वृद्धि दर्ज की है, जो कि 2 प्रतिशत के अनुमान से काफी अधिक है. हालांकि, अगर इसमें फाइनेंशियल कंपनियों को हटा दिया जाए तो आय 25 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. रिपोर्ट में बताया गया कि अब तक दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित कर चुकीं निफ्टी की 27 कंपनियों की आय सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. मिडकैप का प्रदर्शन लगातार तीसरी तिमाही मजबूत रहा है और टेक्नोलॉजी, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और कर्ज न देने वाली एनबीएफसी कंपनियों की आय में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है.
पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन कुल मिलाकर बाजार ने मजबूत वृद्धि दर्ज की. पिछले वर्ष की तुलना में बाजार अब बेहतर स्थिति में है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय इक्विटी बाजार की अर्निंग साइकिल फिलहाल निचले स्तर पर है और यहां से ग्रोथ दोहरे अंकों में रहने की संभावना है, जबकि वैल्यूएशन अभी भी आकर्षक बने हुए हैं. ब्रोकरेज ने निफ्टी ईपीएस (आय प्रति शेयर) के अपने अनुमान को वित्त वर्ष 2026 के लिए 1,096 रुपए से बढ़ाकर 1,101 रुपए कर दिया है, और वित्त वर्ष 2027 के लिए 1,274 रुपए से बढ़ाकर 1,278 रुपए कर दिया है.

