भारत के स्वदेशी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म भीम ऐप (BHIM) ने सोमवार को गर्व के साथ अपना स्वदेशी अभियान शुरू किया. इस अभियान के तहत नए यूजर्स को डिजिटल पेमेंट्स करने पर 20 रुपए का कैशबैक मिलेगा. एक प्रेस रिलीज में बताया गया कि भीम इस महीने के अंत में अपनी 10वीं सालगिरह मना रहा है. इस अवसर पर नए यूजर्स को विशेष ऑफर दिया जा रहा है. यह ऑफर उन यूजर्स के लिए है जो 20 रुपए या उससे अधिक का लेन-देन करेंगे. इस पहल का उद्देश्य नए यूजर्स को डिजिटल पेमेंट्स अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सुविधाजनक अनुभव प्रदान करना है.
देश के हर कोने में डिजिटल पेमेंट्स की बढ़ती स्वीकार्यता
भीम का मकसद है कि पहली बार डिजिटल पेमेंट करने वाले यूजर्स के लिए कोई बाधा न हो, ताकि देश के हर कोने में डिजिटल पेमेंट्स की बढ़ती स्वीकार्यता को और मजबूती मिल सके. भीम को विकसित करने वाली एनपीसीआई भीम सर्विसेज लिमिटेड (एनबीएसएल) ने कहा कि जो नए यूजर भीम ऐप को अपनी रोजाना की खरीदारी, जैसे- किराना, बस या मेट्रो टिकट, प्रीपेड रिचार्ज, बिजली व गैस बिल पेमेंट और पेट्रोल खर्च में इस्तेमाल करते हैं, वह योग्य लेनदेन पर एक महीने में 300 रुपए तक के कैशबैक का लाभ उठा सकते हैं.
भीम ऐप में 15 से अधिक भारतीय भाषाओं का सपोर्ट उपलब्ध
इस साल की शुरुआत में लॉन्च किए गए नए भीम ऐप में अब 15 से अधिक भारतीय भाषाओं का सपोर्ट उपलब्ध है. यह विज्ञापन-मुक्त इंटरफेस के साथ आता है और कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐप में नए फीचर्स भी शामिल किए गए हैं, जैसे स्प्लिट एक्सपेंस, फैमिली मोड, स्पेंड एनालिटिक्स, एक्शन नीडेड और यूपीआई सर्कल. इसके अलावा, UPI सर्कल में फुल डेलीगेशन फीचर भी पेश किया गया है, जिससे यूजर्स अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों, कर्मचारियों या आश्रितों को एक निर्धारित सीमा तक यूपीआई पेमेंट करने की अनुमति दे सकते हैं.
डिजिटल पेमेंट्स का 49% हिस्सा संभाल रहा भीम ऐप
भीम को बनाते समय यह ध्यान में रखा गया था कि यह देश के नागरिकों की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाए. आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भीम ऐप के माध्यम से संचालित यूपीआई अब दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन गया है और यह कुल डिजिटल पेमेंट्स का 49% हिस्सा संभाल रहा है. इसने ब्राजील, थाईलैंड, चीन और साउथ कोरिया जैसे देशों के डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स को भी पीछे छोड़ दिया है.

