Delhi Pollution: दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है. इसके चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. आयोग के आदेश के अनुसार, पहले चरण चार में आने वाले कुछ उपायों को अब चरण तीन में ही लागू कर दिया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को बढ़ने से रोकना है.
प्रदूषण पर जल्दी काबू पाने की कोशिश
इन बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण है कि अब चरण तीन लागू होने पर ही सार्वजनिक नगरपालिका और निजी कार्यालयों में आधे कर्मचारियों के साथ काम करने की व्यवस्था हो सकती है. पहले यह उपाय चरण चार में था. लेकिन अब इसे पहले लाकर प्रदूषण पर जल्दी काबू पाने की कोशिश की जा रही है.
वर्क फ्रॉम होम को दिया जा रहा बढ़ावा Delhi Pollution
वजह साफ है कि वाहनों से निकलने वाला धुआं हवा को बहुत प्रदूषित करता है. खासकर जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा हो. वाहनों की ज्यादा आवाजाही से हानिकारक कण हवा में फैलते हैं, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए वाहनों की संख्या कम करने के लिए कार्यालयों की जगह वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत दिल्ली में सभी निजी कार्यालयों में कार्यस्थल पर आधे से ज्यादा कर्मचारी मौजूद नहीं रह सकते हैं. बाकी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से घर से काम करना होगा. इससे न केवल वाहनों की संख्या कम होगी, बल्कि ट्रैफिक जाम और धुएं का असर भी घटेगा.
निजी संस्थाओं से की ये अपील
सरकार ने निजी संस्थाओं से अपील की है कि वे जहां संभव हो काम के घंटे अलग-अलग रखें, घर से काम के नियमों का सख्ती से पालन कराएं और कार्यालय आने-जाने वाली गाड़ियों की आवाजाही को न्यूनतम करें. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बीते कुछ दिनों से चल रही तेज सर्द हवाओं के कारण वायु प्रदूषण में हल्की गिरावट जरूर दर्ज की गई है, लेकिन हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और यूपीपीसीबी (यूपीपीसीबी) के विभिन्न एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिले आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है.

