‘सिर्फ अमेरिका ही मध्यस्थता कर सकता है’, रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी विदेश मंत्री का बड़ा दावा

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Russia-Ukraine War: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है जो रूस और यूक्रेन दोनों से बात करके युद्ध खत्म करने का रास्ता निकाल सकता है.

अमेरिका ही मध्यस्थता कर सकता है

रूबियो ने कहा कि धरती पर सिर्फ एक ही देश है, धरती पर सिर्फ एक ही ऐसी संस्था है जो असल में दोनों पक्षों से बात कर सकती है और यह पता लगा सकती है कि इस युद्ध को शांति से खत्म करने का कोई तरीका है या नहीं, और वह यूनाइटेड स्टेट्स है.” उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन ने इस कोशिश में काफी समय और सीनियर लेवल की भागीदारी लगाई है.

ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध पर ज्यादा मीटिंग्स की है Russia-Ukraine War

रूबियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध पर किसी भी दूसरे विषय से ज्यादा मीटिंग्स की हैं, यहां तक ​​कि ट्रेड से भी ज्यादा मीटिंग्स की हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका कोई समझौता थोपना नहीं चाहता. उन्होंने कहा कि यह किसी पर कोई डील थोपने के बारे में नहीं है. यह इस बारे में है कि दोनों पक्ष क्या उम्मीद करते हैं और उन्हें क्या चाहिए और दोनों पक्ष बदले में क्या देने के लिए तैयार हैं. रूबियो ने कहा कि हमें आने वाले समय में किसी भी तरफ से सरेंडर होता नहीं दिख रहा है, इसलिए सिर्फ बातचीत से ही इस युद्ध को खत्म करने का मौका मिल सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समझौते के लिए दोनों पक्षों को साथ आना होगा. आखिरी फैसले लड़ने वाले पक्षों पर निर्भर करेंगे.

यह फैसला यूक्रेन और रूस का होगा

उन्होंने कहा कि यह फैसला यूक्रेन और रूस का होगा. यह अमेरिका का नहीं होगा. रूबियो ने यह भी कहा कि इसमें बहुत समय और बहुत मेहनत लगती है. ऐसे प्रयास आम तौर पर मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं किए जा सकते. बता दें कि फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, जिससे दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा संघर्ष शुरू हो गया. इस युद्ध में कीव को पश्चिमी देशों से बड़े पैमाने पर मिलिट्री, फाइनेंशियल और डिप्लोमेटिक मदद मिली है, जबकि मॉस्को ने अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों का विरोध करने वाले देशों के साथ अपने संबंध और गहरे किए हैं. इस संघर्ष ने ग्लोबल एनर्जी मार्केट, यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था और डिप्लोमेटिक गठबंधनों को नया रूप दिया है, और वॉशिंगटन इस युद्ध को अंतरराष्ट्रीय नियमों की परीक्षा के तौर पर पेश कर रहा है.

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