‘संयुक्त राष्ट्र अब अपने सहयोगियों को सुरक्षा प्रदान नहीं करता!’, हाल की घटनाओं पर UN प्रवक्ता चिंतित

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United Nations: इस सप्ताह सूडान, दक्षिण सूडान और यमन में हुई घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने चिंता जताई है. दुजारिक ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि यह एक बेहद चिंताजनक प्रवृत्ति है. हम अक्सर देखते हैं कि संयुक्त राष्ट्र का झंडा, संयुक्त राष्ट्र का प्रतीक अब हमारे सहयोगियों को वह सुरक्षा प्रदान नहीं करता, जिसकी उससे अपेक्षा की जाती है.

संयुक्त राष्ट्र के लिए साल का अंत काफी चुनौतीपूर्ण

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के लिए साल का अंत काफी चुनौतीपूर्ण रहा है. इस सप्ताह सूडान में जहां ड्रोन हमले में छह शांति रक्षकों की मौत हो गई. वहीं दक्षिण सूडान में सुरक्षा बलों की हिरासत में एक दुभाषिये ने जान गंवाई और यमन में 10 अन्य कर्मियों को बंदी बनाया गया. दुजारिक ने उदाहरण के लिए गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के दौरान मारे गए 300 से अधिक संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों का जिक्र किया, जिनमें से लगभग सभी फलस्तीनी थे.

मारे गए 300 से अधिक कर्मियों का भी जिक्र

इसके अलावा उन्होंने माली में 10 साल के संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मिशन के दौरान मारे गए 300 से अधिक कर्मियों का भी जिक्र किया. दुनिया का यह सबसे घातक मिशन दिसंबर 2023 में समाप्त हुआ. दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के कर्मी चाहे वे मानवीय सहायताकर्मी हों, शांति रक्षक हों या राजनीतिक दूत हों, वे शांति के लिए वहां मौजूद होते हैं. वे लोगों के लिए वहां होते हैं. उनका सम्मान किया जाना चाहिए.

हमला अंतरराष्ट्रीय कानून की घोर अवहेलना का प्रतीक

संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून की घोर अवहेलना का प्रतीक है. युद्धग्रस्त सूडान के दक्षिण कोरडोफान क्षेत्र में 13 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र के लॉजिस्टिक बेस पर हुए ड्रोन हमले में बांग्लादेश के छह शांति रक्षकों की मौत हो गई और नौ घायल हुए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए हमले की निंदा की और जांच की मांग की है.

एक दुभाषिए की हत्या की निंदा

दुजारिक ने इसे एक और चौंकाने वाला घटनाक्रम बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए काम करने वाले एक दुभाषिए की हत्या की निंदा की है. दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए काम करने वाले दुभाषिये बोल रोच मायोल को सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के वाहन से स्थानीय सुरक्षा बलों ने उस समय पकड़ लिया, जब उनकी गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया था. हिरासत में रहते हुए उनकी मौत हो गई.

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