क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो को FY24-25 में जहां रिकॉर्ड स्तर की बिक्री देखने को मिली, वहीं उसे भारी घाटे का भी सामना करना पड़ा. कंपनी के अनुसार, इस दौरान जेप्टो की कुल बिक्री बढ़कर 9,668.8 करोड़ रुपए पहुंच गई, जो FY24 में दर्ज 4,223.9 करोड़ रुपए के मुकाबले करीब 129% ज्यादा है. इससे साफ है कि उपभोक्ताओं के बीच जेप्टो की मांग तेजी से बढ़ी है. हालांकि, मजबूत बिक्री के बावजूद कंपनी का नुकसान भी तेज़ी से बढ़ा और FY25 में जेप्टो को 3,367.3 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा.
इसके पिछले वित्त वर्ष 2024 में यह नुकसान 1,214.7 करोड़ रुपए था. यानी कंपनी का नुकसान लगभग 177% बढ़ गया. जेप्टो अपने कारोबार को फैलाने के लिए बहुत ज्यादा खर्च कर रही है.
FY25 में जेप्टो का घाटा बिक्री के 35% तक पहुंचा
कंपनी नए डार्क स्टोर (छोटे गोदाम), तेज डिलीवरी और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट और ऑफर दे रही है, जिस वजह से कंपनी को बड़ा नुकसान हो रहा है. FY25 में जेप्टो का नुकसान उसकी कुल बिक्री का लगभग 35% रहा. वहीं, FY24 में यह आंकड़ा करीब 29% था. इसका मतलब है कि कंपनी जितनी ज्यादा बिक्री कर रही है, उतना ही ज्यादा खर्च भी कर रही है. क्विक कॉमर्स कंपनियां अपनी कुल बिक्री का पूरा पैसा कमाई के रूप में नहीं गिनतीं.
आमतौर पर क्विक कॉमर्स कंपनियां अपनी कुल बिक्री का पूरा हिस्सा राजस्व के रूप में नहीं गिनतीं, बल्कि केवल 15 से 20% को ही वास्तविक कमाई माना जाता है.
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच मार्जिन पर दबाव
इस आधार पर FY25 में जेप्टो की वास्तविक आय करीब 1,495 करोड़ से 1,994 करोड़ रुपए के बीच आंकी जा रही है. इसके बाद FY25 के अंत और FY26 की शुरुआत में प्रतिस्पर्धा और तेज हो गई. सभी बड़ी कंपनियां नए स्टोर खोलने, डिलीवरी को और तेज करने तथा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ज्यादा छूट देने पर जोर दे रही हैं. जेप्टो द्वारा 45 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाने के बाद मुकाबला और कड़ा हो गया, जिससे अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने भी अपनी रणनीतियों को तेज कर दिया. सेक्टर के जानकारों का मानना है कि मांग में तेज वृद्धि के बावजूद इस दौर में मार्जिन पर भारी दबाव बना हुआ है.
FY25 का यह प्रदर्शन ऐसे समय सामने आया है, जब जेप्टो शेयर बाजार में कदम रखने की तैयारी कर रही है. कंपनी 26 दिसंबर को अपने आईपीओ से जुड़े ड्राफ्ट दस्तावेज गोपनीय रूप से दाखिल करने जा रही है. इसी के साथ जेप्टो के संस्थापक आदित पालिचा, कैवल्य वोहरा और मुख्य वित्त अधिकारी रमेश बाफना को कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया है.