भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत 2035 तक घटकर 7-8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि वर्तमान में यह जीडीपी का 13-14 प्रतिशत है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में साझा की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि लागत में कमी से देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता मजबूत होगी और निर्यात में वृद्धि होगी. ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 48 डील्स हुईं, जो 2024 की तुलना में 37% अधिक हैं. इसी दौरान प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश 659 मिलियन डॉलर तक बढ़ गया है.
लॉजिस्टिक्स सेक्टर में सुधार
इसमें से ज्यादातर निवेश टेक आधारित और एसेट लाइट मॉडल्स पर हो रहा है. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में बड़े सुधार देखने को मिले हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश और डिजिटल एकीकरण बढ़ा है. जो दिखाता है कि सरकार का फोकस कनेक्टेड और प्रतिस्पर्धी प्रणाली बनाने पर है. ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मालढुलाई में सड़कों की हिस्सेदारी 2035 तक कम होकर 50 प्रतिशत हो सकती है. जो कि 2014 में केवल 72 प्रतिशत थी. दूसरी तरफ मालढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत हो सकती है.
भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 2025 में संरचनात्मक बदलाव
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स उद्योग प्रमुख भाविक वोरा ने कहा, “नीतिगत सुधारों, तेज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और डिजिटल एकीकरण के विस्तार के कारण भारत के परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र ने 2025 में संरचनात्मक बदलाव का एक महत्वपूर्ण चरण देखा है.” उन्होंने आगे कहा कि मल्टीमॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल प्लेटफॉर्म में निवेश माल ढुलाई को नया आकार दे रहा है. जीएसटी सुधार लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को सुगठित कर रहे हैं और अधिक कुशल, एकीकृत आपूर्ति श्रृंखलाओं की दिशा में बदलाव को मजबूती प्रदान कर रहे हैं.
भारत में डिजिटल और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब का विकास
सरकार का लंबे समय का विजन भारत को 35 ऑपरेशनल MMLP, एआई-ड्रिवन शेड्यूलिंग और इंडो-पैसिफिक ट्रेड कॉरिडोर में गहरे एकीकरण के साथ एक डिजिटली सक्षम मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करता है. रिपोर्ट में बताया गया कि यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म अब 11 मंत्रालयों में 125 API के साथ इंटीग्रेट हो चुका है. जिससे रियल-टाइम डेटा एक्सचेंज संभव हो रहा है और मुख्य इंटरचेंज पर रुकावटें कम हो रही हैं. साथ ही, चेन्नई, बेंगलुरु, नागपुर, इंदौर और जोगीघोपा में पांच मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क एडवांस स्टेज में हैं. जो भारत के मॉडल शिफ्ट एजेंडा को और मजबूत कर रहे हैं.

