Annapurna Jayanti 2023: भगवान शंकर को आखिर क्यों मांगनी पड़ी थी देवी अन्नपूर्णा से भिक्षा? पढ़े पौराणिक कथा

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Annapurna Jayanti 2023: हिंदू पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है. पौराणिक कथा के मुताबिक, मां पार्वती ने इसी तिथि पर माता अन्नपूर्णा का रूप धारण किया था. ऐसे में इस वर्ष अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर 2023, याहन आज मनाई जा रही है. लेकिन क्या आप मां पार्वती द्वारा माता अन्नपूर्णा का रूप धारण करने की कथा जानते हैं? अगर नहीं, तो चलिए पढ़ते हैं अन्नपूर्णा जयंती की पौराणिक कथा.

अन्नपूर्णा जयंती मुहूर्त
इस वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 26 दिसंबर 2023 को प्रातः 05:46 मिनट पर आरंभ हो रही है. साथ ही, इसका समापन 27 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर होगा. ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी.

अन्नपूर्णा जयंती कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार की बात है, जब धरती पर अन्न और जल की भारी कमी होने लगी. इस कारण चारों तरफ हाहाकार मच गया. ऐसे में मनुष्यों ने मिलकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराधना की. भक्तों की प्रार्थना सुनकर विष्णु भगवान ने भगवान भोलेनाथ को उनकी योग निद्रा से जगाया और सारी व्यथा सुनाई. तब भगवान शिव से भिक्षु और माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का रूप धारण किया.

भगवान शिव में बांटा अन्न
भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी और पृथ्वी पर आकर सभी इंसानों में अन्न वितरित किया. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इसके बाद कभी भी पृथ्वी पर अन्न और जल की कमी नहीं आई. तभी से मां अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्‍यता है कि मार्गशीर्ष की पूर्णिमा तिथि पर ही मां पार्वती ने अन्नपूर्णा का रूप धारण किया था, इसलिए हर वर्ष इसी तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है.

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