क्यों माना जाता है पीतल के बर्तनों को पवित्र, आइए जानते हैं इनके महत्व

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Brass Utensils : पीतल धातु से बने बर्तनों का इस्तेमाल सभी घरों में पूजा-पाठ के लिए किए जाते हैं. धार्मिकों के अनुसार वेदों के खंड आयुर्वेद में पीतल के पात्रों को भगवान धन्वंतरि का प्रिय बताया गया है. इसके साथ ही बता दें कि महाभारत में एक वृत्तांत मिलता है कि, सूर्य ने द्रौपदी को वरदान स्वरूप पीतल का अक्षय पात्र दिया था.

जानकारी देते हुए बता दें कि ज्योतिष, धर्म शास्त्र और आयुर्वेद में पीतल के पात्रों का महत्व बताया गया है. पीतल का संबंध देव गुरु बृहस्पति से होता है.

ऐसे में कन्यादान हो या फिर शिवलिंग पर दूध चढ़ाना हो, भगवान को भोग लगाने से लेकर लगभग सभी धार्मिक व मांगलिक कर्म में पीतल के बर्तनों का ही प्रयोग होता है.

बता दें कि जन्‍म से लेकर मृत्‍यु तक पीतल के पात्रों का इस्तेमाल किया जाता है. इन्‍ही के कारण से पीतल के बर्तनों को बेहद शुद्ध और पवित्र माना जाता है. इसके साथ ही क्‍या रोज हम घर में खाने-पकाने के लिए हम पीतल के पात्रों का प्रयोग कर सकते है. क्‍या यह सही है.

ऐसे में सेहत को लेकर भी पीतल को अच्छा माना जाता है. बता दें कि पीतल के बर्तन में भोजन करने से और भी स्‍वादिष्‍ट लगता है. इसके साथ ही शरीर को आरोग्य और तेज प्रदान करता है औश्र आम बर्तनों से ज्‍यादा मजबूत भी होता है.

पीतल बर्तन हमेशा से ही शुद्ध मानें जाते है. जानकारी देते हुए बता दें कि अगर आप रोज इस बर्तन को इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो दही, छाछ, लस्सी, अचार, दूध या खट्टे या अम्लीय पदार्थो को बनाने या इसमें खाने से बचें.

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