Ganesh ji ki Aarti: धार्मिक मान्यतानुसार गौरी पुत्र भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था. इनके जन्मोत्सव को पूरे भारत में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. गणेश उत्सव पर्व का जश्न पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है, जिसे 10 दिन तक विधि विधान से पूजा के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित किया जाता है. लोग पूरे 10 दिन बप्पा की विधिवत पूजा और आरती करते हैं. आरती करने से देवता प्रसन्न होते हैं और पूजा का पूर्ण फल मिलता है. आइए देखते हैं गणेश जी की आरती…
गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय