Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी क्यों है अनिवार्य? जानिए इसका खास महत्व!

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भक्ति, प्रेम और आस्था का सबसे पवित्र पर्व है. भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर हर गली, हर घर और हर मंदिर में “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” की धुन गूंजने लगती है. भक्त व्रत रखते हैं, दिनभर भजन करते हैं और रात 12 बजे बाल गोपाल के जन्मोत्सव का जश्न मनाते हैं. कान्हा के लिए झूला सजाया जाता है, आरती होती है, पंचामृत से स्नान कराया जाता है और फिर उन्हें प्रेम से तरह-तरह के भोग अर्पित किए जाते हैं. लेकिन इन सब भोगों और मिठाइयों के बीच अगर एक चीज नहीं हो, तो पूजा अधूरी मानी जाती है- वह है तुलसी. जैसे भगवान कृष्ण के लिए माखन और मिश्री बेहद जरूरी हैं, उसी तरह तुलसी का होना भी जन्माष्टमी पर पूजा को पूर्ण बनाता है.

तुलसी का धार्मिक महत्व (Religious importance of Tulsi)

हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना गया है. इसे माता लक्ष्मी का रूप और भगवान विष्णु को प्रिय माना जाता है. चूंकि, श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं, इसलिए तुलसी उनके लिए भी बहुत प्रिय है. विष्णु पुराण और भागवत पुराण में भगवान विष्णु के प्रिय भोजन का उल्लेख मिलता है. श्रीमद्भागवत पुराण में लिखा है कि हजारों मिठाइयाँ बना लेने पर भी अगर उनमें तुलसी न हो, तो भगवान उसे स्वीकार नहीं करते. इसलिए जन्माष्टमी पर तुलसी का होना अनिवार्य माना जाता है. भोग में चाहे खीर, माखन या कोई मीठा पकवान हो, उसमें तुलसी का एक पत्ता रखना ज़रूरी है। यही भोग को पूर्ण बनाता है.

तुलसी पूजा के नियम (Rules Of Tulsi Puja)

जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना शुभ नहीं माना जाता. इसलिए सप्तमी को ही पत्ते तोड़कर गंगाजल से धोकर सुरक्षित रखें और पूजन में उन्हीं का उपयोग करें. तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाना और परिक्रमा करना बहुत शुभ माना जाता है.

तुलसी और घर की सकारात्मक ऊर्जा

मान्यता है कि तुलसी के होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं टिकती और सुख-समृद्धि बनी रहती है. श्रद्धा से तुलसी माता की पूजा करने से घर में हमेशा शांति और समृद्धि बनी रहती है.

तुलसी का स्वास्थ्य लाभ

तुलसी सिर्फ पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. आयुर्वेद में तुलसी को अमृत के समान माना गया है. यह सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों से बचाती है. तुलसी का काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसलिए इसे “औषधियों की रानी” भी कहा जाता है.

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