Mrityu Panchak 2025: सितंबर 2025 में पंचक का आरंभ 6 सितंबर को शनिवार के दिन हो रहा है, जो इसे “मृत्यु पंचक” बना देता है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय अशुभ माना जाता है. इस दौरान मानसिक तनाव, आर्थिक हानि और दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है, इसलिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
सितंबर पंचक 2025 की तारीखें और समय
-
आरंभ: 6 सितंबर 2025, शनिवार — सुबह 11:21 बजे
-
समाप्ति: 10 सितंबर 2025, बुधवार — शाम 4:03 बजे
इस पंचक की अवधि कुल 4 दिन 4 घंटे 42 मिनट की होगी.
मृत्यु पंचक क्यों होता है अशुभ?
जब पंचक की शुरुआत शनिवार को होती है, तो इसे “मृत्यु पंचक” कहा जाता है. शास्त्रों में इसे अत्यंत संकटकारी माना गया है, क्योंकि इसमें मृत्यु, हानि, रोग और दुर्घटनाओं के योग प्रबल माने जाते हैं.
मृत्यु पंचक में क्या न करें?
इस अशुभ काल में निम्नलिखित कार्यों से बचना चाहिए:
- शुभ कार्यों से परहेज करें: विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, या अन्य शुभ संस्कार इस काल में न करें.
- निर्माण कार्य न कराएं: मकान की छत ढलवाना या लकड़ी के फर्नीचर बनवाना अशुभ माना गया है.
- यात्रा टालें: विशेष रूप से दक्षिण दिशा की यात्रा से परहेज करें.
- घर की रंगाई-पुताई न करें: सजावटी या सौंदर्यीकरण के कार्य भी टालना उचित रहेगा.
- जोखिम न लें: जोखिम भरे कार्य और निर्णय, जैसे वाहन चलाना या ऊंचाई पर काम करना, इस समय न करें.
- लेन-देन न करें: इस समय कर्ज लेना या देना टालना चाहिए.
अगर मृत्यु पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति का देहांत मृत्यु पंचक के दौरान होता है, तो पंचक दोष से बचने के लिए यह उपाय करें:
- शव के साथ आटे या कुशा (कुश घास) से बने पांच पुतलों को भी अंतिम संस्कार के समय अग्नि दें.
- यह परंपरा पंचक दोष को शांत करने के लिए की जाती है, जिससे परिवार में आगे कोई अनहोनी न हो.
मृत्यु पंचक में क्या करें? (उपाय)
- घर में शांति पाठ और हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें.
- घर में गंगाजल का छिड़काव करें और तुलसी का सेवन या पूजन करें.
- जरूरी काम टालना संभव न हो, तो ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर मुहूर्त निकालें.