Somvati Amavasya 2024 Date: सोमवती अमावस्या कल, जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Somvati Amavasya 2024 Date: हिंदू धर्म में हर माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. अमावस्या तिथि पर पितरों के नाम तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है. वर्तमान में चैत्र का महीना चल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कब है चैत्र माह की अमावस्या और इस दिन कब है स्नान-दान का शुभ मुहूर्त?

कल है चैत्र माह की अमावस्या?

चैत्र मास की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल, 2024 दिन सोमवार प्रात: 03 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो रही है. तिथि का समापन उसी दिन 8 अप्रैल, 2024 रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में अमावस्या व्रत और स्नान-दान 8 अप्रैल को ही किया जाएगा. इस बार सोमवार के दिन अमावस्या पड़ रही है. इसलिए इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाएगा. सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण के अलावा भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और विधि विधान से की जाती है.

सोमवती अमावस्या स्नान-दान शुभ मुहूर्त

हिंदू ज्योतिष पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या तिथि 08 अप्रैल सुबह 03:21 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 08 अप्रैल मध्य रात्रि 11:50 पर होगा. 8 अप्रैल सोमवार के दिन स्नान-ध्यान के लिए शुभ समय सुबह 04:55 से सुबह 06:30 के बीच रहेगा. वहीं, इस बार अमावस्या तिथि पर इंद्र योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम 06:14 तक रहेगा.

सोमवती अमावस्या के नियम

सोमवती अमावस्या के दिन प्रातः काल स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. इस दिन व्रत का संकल्प लेने के बाद काल रहने का प्रयास करना चाहिए. इस दिन भूखे व्यक्ति को भोजन कराना बहुत शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करना चाहिए. सोमवती अमावस्या के दिन मन, कर्म और वाणी के जरिए किसी के लिए अशुभ नहीं सोचना चाहिए.

सोमवती अमावस्या पूजा उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान करना और तर्पण करना बेहद फलदायी होता है. इस दिन पितरों को तर्पण करने के लिए पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और गरीब ब्राम्हण को भोजन कराकर उन्हें अपनी शक्ति अनुसार दान-दक्षिणा देकर विदाई करें. इसके साथ ही शाम के वक्त दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने हमारे पितरों के आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर हमे सदैव सुखी रहने का आशीर्वाद देते हैं.

सोमवती अमावस्या के दिन उठकर पवित्र नदी में स्नान करें और फिर देवों के राजा सूर्य देव को जल चढ़ाएं. फिर आप सूर्य देव को तिल अर्पित करके गायत्री मंत्र का जाप करें.

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