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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारतीय युवा पेशेवर अब अपनी अतिरिक्त आय को खर्च करने की बजाय बचत, निवेश और कर्ज चुकाने जैसे विकल्पों में लगा रहे हैं. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है. जॉब पोर्टल नौकरी डॉट कॉम द्वारा किए गए एक सर्वे में बताया गया है कि लगभग 60 प्रतिशत युवा अपनी सरप्लस इनकम को बचत और निवेश में उपयोग कर रहे हैं.
वहीं, 30 प्रतिशत युवा इस राशि से कर्ज का भुगतान कर रहे हैं. यह सर्वे देशभर में 20,000 नौकरी खोजने वालों पर किया गया था, जिनकी वार्षिक आय 12.75 लाख रुपये तक है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीमित वर्ग ऐसा है जो अपनी अतिरिक्त आय को तात्कालिक खर्चों में उपयोग कर रहा है. वहीं, लगभग 9 प्रतिशत युवा इसे लाइफस्टाइल अपग्रेड पर और 4 प्रतिशत यात्रा व घूमने-फिरने पर खर्च कर रहे हैं.
उभरती टेक्नोलॉजी से जुड़े पेशेवरों ने इस मामले में सबसे आगे रहते हुए 76 प्रतिशत तक बचत करने का रुझान दिखाया है. ऑटोमोबाइल और फार्मास्युटिकल सेक्टर में यह आंकड़ा 57 प्रतिशत के आसपास है. एफएमसीजी और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के युवा क्रमश: 64 प्रतिशत और 60 प्रतिशत से अधिक सरप्लस आय की बचत कर रहे हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह सर्वे पीढ़ीगत वित्तीय व्यवहार में बदलाव को दर्शाता है, जहां युवा पेशेवर तात्कालिक उपभोग की बजाय भविष्य की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं. क्षेत्रीय और इंडस्ट्री-वार विश्लेषण इस बदलते ट्रेंड को और स्पष्ट करते हैं. वहीं दूसरी ओर, पहली बार नौकरी शुरू करने वाले 31 प्रतिशत पेशेवर अपनी टैक्स सेविंग का उपयोग लाइफस्टाइल सुधार पर और 14 प्रतिशत यात्रा में खर्च करना चाहते हैं.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि नई कर व्यवस्था को लेकर जागरूकता असमान है. जहां नए पेशेवरों में से 64 प्रतिशत ने खुद को इसके लाभों के बारे में पूरी तरह से जागरूक बताया, वहीं पांच वर्ष से अधिक अनुभव रखने वाले 57 प्रतिशत लोगों ने भी इसकी जानकारी होने की पुष्टि की. लेकिन कुल मिलाकर, 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने माना कि वे इन बदलावों को लेकर पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं या फिर अनभिज्ञ हैं.