Thailand: थाईलैंड-कंबोडिया के बीच संघर्ष हुआ तेज, दोनों पक्षों से कम से कम 24 लोगों की मौत

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Thailand-Cambodia war: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लगातार संघर्ष भीषण होता जा रहा है. दोनों पक्षों में संघर्ष के दौरान पहली बार नागरिकों की मौत का आधिकारिक आंकड़ा सामने आया है. गुरुवार को थाईलैंड की सेना ने कहा कि कंबोडिया के साथ सीमा पर भारी लड़ाई जारी रहने के बीच तीन थाई नागरिक मारे गए हैं, जबकि 9 सैनिकों की मौत हुई है. वहीं कंबोडिया ने भी 9 लोगों की मौत की पुष्टि की है. यह लड़ाई फिर शुरू होने के बाद थाईलैंड में नागरिकों की पहली मौतें हैं. ताजा बड़े पैमाने की लड़ाई की शुरुआत रविवार को उस झड़प से हुई, जिसमें दो थाई सैनिक घायल हो गए थे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जुलाई में पांच दिन की लड़ाई खत्म कराने के लिए लागू कराई गई युद्धविराम व्यवस्था पटरी से उतर गई थी.

सदियों पुराने क्षेत्रीय दावों को लेकर दोनों पक्षों में है विवाद

सदियों पुराने क्षेत्रीय दावों को लेकर दोनों पक्षों में यह विवाद है. नवीनतम लड़ाई में अब तक करीब दो दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि सीमा के दोनों तरफ सैकड़ों-हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और अस्थायी आश्रयों या रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं. थाई सेना के एक बयान में कहा गया है कि बुधवार की रात को कंबोडिया ने तोपखाने और मोर्टार से थाई चौकियों पर हमला किया, जिसके जवाब में थाई सेना ने भी उसी तरह के भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और “दुश्मन के ट्रकों को नष्ट कर दिया.”

कंबोडिया का सरकारी रुख दर्शाने वाला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ‘फ्रेश न्यूज़’ ने बताया कि गुरुवार की सुबह भी तोपखाने की द्वंद्वयुद्ध जारी थी. इस लड़ाई ने अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ा दी हैं. पोप लियो XIV ने बुधवार को वेटिकन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे “नवीनीकृत संघर्ष की खबर से गहरी उदासी महसूस कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “हत्याएं हुई हैं, जिनमें नागरिक भी शामिल हैं, और हजारों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. मैं इन प्रिय लोगों के प्रति प्रार्थना में अपनी निकटता व्यक्त करता हूं.”

दोबारा थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध शुरू होने पर ट्रंप का आया पहला बयान

थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध दोबारा शुरू होने पर  ट्रंप का पहला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को फिर युद्धविराम के लिए मनाऊंगा. जुलाई वाले मूल युद्धविराम में मलेशिया ने मध्यस्थता की थी और ट्रंप के दबाव में लागू हुआ था. उन्होंने व्यापार सुविधाएं रोकने की धमकी दी थी.

अक्टूबर में मलेशिया में हुए क्षेत्रीय सम्मेलन में इसे और विस्तार से औपचारिक रूप दिया गया था. युद्धविराम के बावजूद दोनों देशों ने कटु प्रचार युद्ध जारी रखा और सीमा पर छोटी-मोटी हिंसा जारी रही. कंबोडिया ने शिकायत की कि थाईलैंड ने युद्धविराम लागू होने के समय पकड़े गए उसके 18 सैनिकों को वापस नहीं किया. वहीं थाईलैंड ने विरोध जताया जब उसकी सीमा पर गश्त कर रहे सैनिकों को नवीन स्थापित बारूदी सुरंगों से चोट लगी.

थाईलैंड ने सुरंगे बिछाने का लगाया आरोप

थाईलैंड का आरोप है कि ये सुरंगें कंबोडिया ने बिछाईं. कंबोडिया का कहना है कि वे सुरंगें 1999 में खत्म हुए उसके दशकों लंबे गृहयुद्ध की बची हुई हैं. ट्रंप ने कहा कि वे गुरुवार को दोनों नेताओं से फोन पर बात करेंगे और उन्हें फिर लड़ाई रोकने के लिए मना लेंगे. बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि मैं उन्हें लड़ना रोकने के लिए मना सकता हूं. इसके सिवा और कौन कर सकता है?” उन्होंने अपने व्हाइट हाउस में वापसी के बाद दुनिया भर में आठ युद्ध सुलझाने के अपने अतिशयोक्तिपूर्ण दावे को भी दोहराया. कहा, “कभी-कभी कोई एक युद्ध फिर भड़क उठता है और मुझे उस छोटी-सी आग को बुझाना पड़ता है.”

कंबोडिया के साथ थाईलैंड ने वार्ता से किया इनकार

ट्रंप के ताज़ा बयान के बाद भी अमेरिका ने अभी तक थाईलैंड से संपर्क नहीं किया है, यह बात थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने गुरुवार को बैंकॉक में पत्रकारों को बताई. राष्ट्रवादी जनभावना को प्रतिबिंबित करते हुए अनुतिन ने बार-बार कसम खाई है कि थाईलैंड की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित होने तक लड़ाई जारी रहेगी. बुधवार को उन्होंने कंबोडिया के साथ बातचीत से इनकार नहीं किया, लेकिन कहा कि वे सिर्फ ट्रंप के कहने पर ऐसा नहीं करेंगे.

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर किए कई हवाई हमले

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कई हमले किए. थाईलैंड ने जेट फाइटर से हवाई हमले किए हैं, जिन्हें वह सैन्य ठिकानों को लक्षित कर रहा है. कंबोडिया ने 30-40 किलोमीटर मारक क्षमता वाले BM-21 रॉकेट लॉन्चर तैनात किए हैं. सार्वजनिक प्रसारक ThaiPBS के आंकड़ों के मुताबिक, मारे गए थाई सैनिकों में से कम से कम छह रॉकेट के टुकड़ों से मारे गए. थाई सेना की पूर्वोत्तर कमान ने कहा कि बुधवार दोपहर तक कंबोडियाई सेना ने 79 BM-21 सैल्वो (3,160 रॉकेट), 122 बार तोपखाने का इस्तेमाल और 63 बार बम गिराने वाले ड्रोन हमले किए. सूरीन प्रांत के एक अस्पताल को खाली कराना पड़ा, क्योंकि रॉकेट 500 मीटर दूर गिरे. थाई सेना ने यह भी कहा कि उसने प्रीह विहार मंदिर वाली पहाड़ी पर कंबोडिया के कब्जे वाली ऊंची क्रेन को नष्ट कर दिया, क्योंकि उस पर सैन्य कमांड-कंट्रोल के लिए इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उपकरण लगे थे.

9 सैनिक और 3 नागरिक मारे गए

गुरुवार को थाई सेना ने बताया कि अब तक 9 सैनिक और 3 नागरिक मारे गए हैं (नागरिकों की मौत निकासी के दौरान हुई), तथा 120 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं). कंबोडिया ने कहा है कि उसके 9 नागरिक मारे गए हैं (जिनमें एक शिशु भी शामिल है) और 46 घायल हुए हैं. विवाद के केंद्र में एक प्राचीन मंदिर यूनेस्को ने बुधवार को प्रीह विहार मंदिर के आसपास लड़ाई को लेकर “गहरी चिंता” जताई, जो विश्व धरोहर स्थल है.

हिंदू मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का यूनेस्को ने किया आह्वान

दोनों पक्षों में चल रही जंग को देखते हुए यूनेस्को ने कहा, “हम स्थिति अनुकूल होते ही सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और आवश्यक बचाव उपायों के लिए तकनीकी सहायता देने को तैयार हैं. इस दौरान यूनेस्को ने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया. थाई-कंबोडियाई सीमा विवाद की जड़ें क्षेत्रीय दावों को लेकर सदियों पुरानी शत्रुता में हैं. मुख्य विवाद 1907 के उस नक्शे को लेकर है, जो फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाया गया था और थाईलैंड उसे गलत मानता है. 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंदिर कंबोडिया को दे दिया था, जिसको लेकर आज भी बहुत से थाई लोग नाराज हैं.

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