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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
इस वर्ष के पहले पांच महीनों (जनवरी-मई अब तक) में पब्लिक इश्यू लाने के लिए लगभग 90 कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं. कंपनियों की ओर से बड़ी संख्या में ड्राफ्ट पेपर ऐसे समय पर दाखिल किए गए हैं, जब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग मार्केट वैश्विक उतार-चढ़ाव के कारण कमजोर बना हुआ है और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस वर्ष आए IPO की संख्या करीब आधी रह गई है.
जनवरी में 28 कंपनियों ने जमा कराए थे ड्राफ्ट पेपर
सेबी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, जनवरी में 28 कंपनियों ने IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा कराए थे. फरवरी में 15 कंपनियों, मार्च में 11 कंपनियों, अप्रैल में 24 कंपनियों और मई में अब तक 12 कंपनियों ने ड्राफ्ट पेपर सेबी के पास जमा कराए हैं. जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार (Stock Market) में आईपीओ के जरिए पैसे जुटाने होते हैं, तो वह सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल करती है.
इसमें कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के साथ कारोबार और उससे जुड़े जोखिम के बारे में भी सभी अहम जानकारी होती हैं. जिन कंपनियों ने ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं उनमें केनरा HSBC Life Insurance, Canara Robeco Asset Management Company, Anand Rathi Shares and Stock Brokers, वीवर्क इंडिया जैसी कंपनियों का नाम भी शामिल है. आईपीओ के हिसाब से 2025 के पहले पांच महीने काफी कमजोर रहे हैं.
जनवरी से मई तक Mainboard Segment में 9 कंपनियों की हुई लिस्टिंग
जनवरी से मई तक मेनबोर्ड सेगमेंट में 9 कंपनियों की लिस्टिंग हुई है, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 25 से भी अधिक था. अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने और वैश्विक अस्थिरता के चलते भारतीय शेयर बाजार में 2025 में अब तक उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिला है. 2025 की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स ने 2.73% और निफ्टी ने करीब 3% का रिटर्न निवेशकों को दिया है.