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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
कई महीनों की सुस्ती के बाद आईपीओ (IPO) बाजार में फिर से तेजी आई है. बाजार नियामक SEBI ने छह कंपनियों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है, जिसमें HDB Financial (12,500 करोड़ रुपये), Dorf Ketal Chem’s (5,000 करोड़ रुपये), Vikram Solar (1,500 करोड़ रुपये) समेत तीन अन्य कंपनियां शामिल हैं. अब तक SEBI की मंजूरी पा चुकी 72 कंपनियों के IPO की कुल पाइपलाइन करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की है, जबकि 68 अन्य कंपनियां 95,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए SEBI के अनुमोदन की प्रतीक्षा में हैं.
इन सभी को मिलाकर कुल 140 कंपनियां लगभग 2.35 लाख करोड़ रुपये का IPO ला सकती हैं. मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, मार्च और अप्रैल के सुस्त दौर के बाद मई में आईपीओ गतिविधि में सुधार देखने को मिला है, जिससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है. हालांकि हाल ही में लिस्ट हुई बड़ी कंपनियों जैसे Ather Energy, Aegis Vopak Terminals, Schloss Bangalore और Scoda Tubes ने अनिश्चितता के कारण अपने इश्यू साइज को 15-30% तक घटा दिया है.
लिस्टिंग पर लाभ भी उतना शानदार नहीं रहा। उदाहरण के तौर पर, Ather Energy ने 2.18% प्रॉफिट के साथ लिस्टिंग की, जबकि Aegis Vopak और Schloss Bangalore ने 6% की गिरावट के साथ, और Scoda Tubes ने फ्लैट लिस्टिंग की. हालांकि, Ather Energy के अलावा अन्य सभी ने ट्रेडिंग क्लोज़ पर हरा रंग दिखाया, लेकिन यह FY25 के 30% से ज्यादा लिस्टिंग लाभ की तुलना में कम था.
कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी निलेश शाह ने कहा, “जब निफ्टी 22,000 पर था तब IPO की मांग थी, लेकिन प्रमोटर इंतजार करना पसंद कर रहे थे. अब बाजार सक्रिय हो रहा है क्योंकि प्रमोटर और निवेशक मूल्यांकन को लेकर सहमति बना रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि IPO की आपूर्ति ने बाजार को स्थिर करने और घरेलू व विदेशी निवेशकों से पूंजी अवशोषित करने में मदद की है.
अल्फानिटी फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट का मानना है कि बाजार को एक बड़ी कंपनी जैसे HDB Financial या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सफल IPO की जरूरत है, जो निवेशकों को आकर्षित कर IPO बाजार में पुनः उत्साह भर सके. NSE के पास 1 लाख से अधिक निवेशक हैं, जो मार्च के अंत में 33,896 थे, जो इस बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है. यू आर भट ने यह भी कहा कि निवेशकों में अभी उत्साह की कमी है और क्योंकि कई IPO निवेश लीवरेज से होते हैं, इसलिए निवेशक के लिए लागत-लाभ संतुलित होना जरूरी है.