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कृषि और संबद्ध क्षेत्र से उत्पादन का सकल मूल्य (GVO) FY12 से FY24 के दौरान स्थिर मूल्यों पर 54.6% बढ़कर 29.49 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह जानकारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को दी. सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाले एनएसओ ने ‘कृषि व संबद्ध क्षेत्रों से उत्पादन के मूल्य पर सांख्यिकीय रिपोर्ट (2011-12 से 2023-24)’ का वार्षिक प्रकाशन जारी किया है.
एनएसओ ने कहा, “स्थिर मूल्यों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्र से सकल उत्पादन मूल्य (GVO) ने 2011-12 में 1,908 हजार करोड़ रुपये से 2023-24 में 2,949 हजार करोड़ रुपये तक की स्थिर वृद्धि दिखाई है, जो करीब 54.6% की समग्र वृद्धि को दर्शाता है.” इसमें आगे कहा गया है कि वर्तमान मूल्यों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में लगभग 225% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2011-12 में 1,502 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 4,878 हजार करोड़ रुपये हो गई है.
यह प्रकाशन एक व्यापक दस्तावेज है, जो 2011-12 से 2023-24 तक कृषि और संबद्ध गतिविधियों के फसल, पशुधन, वानिकी और लॉगिंग, और मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्रों के उत्पादन के मूल्यों पर वर्तमान और स्थिर (2011-12) दोनों मूल्यों पर विस्तृत जानकारी देता है. आंकड़ों के मुताबिक, 15.95 लाख करोड़ रुपये के जीवीओ के साथ फसल क्षेत्र 2023-24 में 54.1% की हिस्सेदारी के साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कुल जीवीओ (स्थिर मूल्यों पर) में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना हुआ है.
2023-24 में अनाज और फल और सब्जियों का कुल मिलाकर कुल फसल जीवीओ में 52.5 प्रतिशत हिस्सा होगा. अनाजों में से केवल धान और गेहूं ही 2023-24 में सभी अनाजों के जी.वी.ओ. (स्थिर मूल्यों पर) का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा होंगे. पांच राज्यों- यूपी, एमपी, पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा- ने 2023-24 में अनाज के जीवीओ (स्थिर मूल्यों पर) में करीब 53% का योगदान दिया. एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, कम हिस्सेदारी (2011-12 में 18.6% से 2023-24 में 17.2% ) के साथ, उत्तर प्रदेश ने शीर्ष स्थान बनाए रखा है.
फल समूह में 2023-24 में केले का स्थिर मूल्य जीवीओ (47,000 करोड़ रुपये) आम (46,100 करोड़ रुपये) से आगे निकल गया है. 2011-12 से 2021-22 तक लगातार फल समूह में जीवीओ (स्थिर मूल्यों पर) में आम का सबसे अधिक योगदान रहा है. सब्जी समूह के जीवीओ (स्थिर मूल्यों पर) में 2011-12 से 2023-24 के दौरान आलू का योगदान सबसे अधिक रहेगा. आलू का जीवीओ 2011-12 में 21,300 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 37,200 करोड़ रुपये हो गया है.
इसके अलावा, फूलों की खेती ने स्थिर मूल्यों पर जीवीओ में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया, जो 2011-12 में 17,400 करोड़ रुपये से करीब दोगुना होकर 2023-24 में 28,100 करोड़ रुपये हो गया, जो बागवानी में बढ़ती वाणिज्यिक रुचि और विविधीकरण को दर्शाता है.