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वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) सेक्टर में फ्रेशर्स की नियुक्ति के लिए बेंगलुरु सबसे अधिक आशावादी बना हुआ है, जहां 17% कंपनियों ने 50% से अधिक की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो 2025 में दूसरे शहरों की तुलना में ज्यादा एग्रेसिव हायरिंग अप्रोच का संकेत देता है. सोमवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. एनएलबी सर्विसेज के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में, 2025 में अब तक IT सेक्टर में नियुक्ति में सालाना आधार पर 4% की वृद्धि दर्ज की गई है.
एनएलबी सर्विसेज (NLB Services) के सीईओ सचिन अलुग (Sachin Alug) ने कहा, उद्योग की उभरती मांगों की प्रतिक्रिया के रूप में भारतीय कॉर्पोरेट जगत का फोकस एंट्री लेवल टैलेंट पर बना हुआ है, जो कि ऑटोमेशन, साइबर-सिक्योरिटी, क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन में प्रगति की वजह से देखा जा रहा है. कंपनियां न केवल रिक्त स्थानों के लिए भर्ती कर रही हैं, बल्कि फ्रेशर्स पर निवेश भी कर रही हैं, ताकि वे फ्यूचर-रेडी वर्कफोर्स को तैयार कर सकें.
सेक्टर में आईटी-हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ने बढ़त हासिल की है, जो 2024 में 17% से लगभग दोगुना होकर 2025 में 34% हो गया, इसके बाद एफएमसीजी ने 16%, बीमा ने 15% और फार्मा ने 11% बढ़त हासिल की है. आईटी सेक्टर में प्रवेश करने वाले फ्रेशर्स अपने स्किल सेट और रोल के आधार पर 3.5 लाख रुपए से 8 लाख रुपए प्रति वर्ष तक के वेतन पैकेज की उम्मीद कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स आमतौर पर 2.8 लाख रुपए से 8.2 लाख रुपए प्रति वर्ष कमाते हैं. वेब डेवलपर्स का वेतन फ्रेशर्स के लिए 2 लाख रुपए से 8 लाख रुपए प्रति वर्ष तक है.
मेट्रो शहरों से परे, टियर 2 और 3 शहर उभर रहे हैं और आईटी के साथ-साथ गैर-आईटी क्षेत्रों में फ्रेशर्स के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं. उदाहरण के लिए मैसूर, गांधीनगर, विशाखापत्तनम, इंदौर, लखनऊ, कोच्चि, जयपुर और विजयवाड़ा जैसे शहरों में शानदार वृद्धि देखी जा रही है. कोयंबटूर, इंदौर, उदयपुर, भुवनेश्वर, जयपुर और चंडीगढ़ आईटी हब के रूप में विकसित हो रहे हैं, जहां फ्रेशर्स का वेतन 3.5 लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए प्रति वर्ष है, जो मेट्रो शहरों की तुलना में थोड़ा अधिक है.
इसके अलावा, नासिक, सलेम और वडोदरा जैसे शहर जीसीसी के लिए पसंदीदा स्थानों के रूप में प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं. भारतीय जीसीसी इकोसिस्टम में फर्म अपने विकास को जारी रख रही हैं। वहीं, युवा प्रतिभा और विविधता पर मजबूत ध्यान देने के साथ फ्रेश हायरिंग ट्रेंड विकसित हो रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ऑटोमेशन के साथ जीसीसी में वैश्विक स्तर पर विस्तार होगा, वैसे-वैसे आने वाले वर्षों में युवा प्रतिभाओं की मांग में तेजी से वृद्धि होगी.